हिन्दू शास्त्रों के अनुसार रत्नों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। रत्न की सहायता से ग्रहो की दशा को बदला जा सकते है। हिन्दू शास्त्रों में 9 रत्नों का वर्णन है । उनमें से एक रत्न है पुखराज रत्न। और आज हम इसी रत्न के कुछ फायदों के बारे में आपको बताएंगे। बृहस्पति से संबंधित रत्न, पुखराज को संस्कृत में पुष्पराग तथा हिंदी में पुखराज कहा जाता है। आइए जानते हैं इसके कुछ फायदे।
- इस रत्न से व्यापार, नौकरी, शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है और ये आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में भी सुधार लाता है।
- सेहत, वैवाहिक जीवन, पैतृक संपत्ति जैसे क्षेत्रों में पुखराज लाभ प्रदान करता है।
- चूंकि बृहस्पति समृद्धि और ज्ञान का स्वामी है इसलिए इस रत्न को पहनने से उन क्षेत्रों में व्यापार एवं नौकरी करने में सफलता और भाग्य का साथ मिल सकता है जहाँ पर बुद्धि एवं रचनात्मकता की जरूरत होती है। कानून, शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के अलावा ये रत्न व्यापारियों को भी फायदा पहुंचाता है।
- आर्थिक रूप से स्थिरता लाने और इच्छाशक्ति बढ़ाने के लिए इस रत्न को बहुत लाभकारी माना जाता है। भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए इसे पहना जा सकता है। ये पीले पुखराज के सकारात्मक लाभों में से एक है।
- पुखराज रत्न का सबसे बड़ा फायदा यही है कि इसे पहनने से वैवाहिक सुख में आ रही परेशानियां दूर होती हैं। पति- पत्नी में अनबन चल रही हो या दोनों के रिश्ते में मनमुटाव हो तो इस स्थिति को पुखराज की मदद से ठीक किया जा सकता है।
- पुखराज प्रेम और वैवाहिक सुख प्रदान करता है इसलिए अगर किसी कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा है या उसके विवाह में कोई न कोई बाधा आ रही हैं या उसे मनचाहा वर नहीं मिल पा रहा है तो उसे यैलो सैफायर पहनना चाहिए।
- परिवार में सुख-शांति लाने और पारिवारिक सुख की प्राप्ति के लिए भी इस रत्न को धारण किया जाता है। अगर आपके परिवार में लड़ाई – झगड़ा रहता है या परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम नहीं है तो इस स्टोन के प्रभाव से ये समस्या दूर की जा सकती है।
- पुखराज बहुत ही शक्तिशाली और असरदार रत्न है। इस रत्न को कोई भी धारण कर सकता है क्योंकि इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। पीला पुखराज बृहस्पति के साथ-साथ अन्न ग्रहों के अशुभ प्रभावों को भी दूर करता है।
- पुखराज शरीर के सात चक्रों में से मणिपूर चक्र का स्वामी होता है। यह चक्र पाचन तंत्र और प्रतिरक्षा तंत्र को नियंत्रित करता है। इस चक्र को संतुलन प्रदान करने के लिए पुखराज पहना जाता है।
- पाचन तंत्र से जुड़ी परेशानियों जैसे कि अपच, पेट में अल्सर, मल पतला आने और पीलिया आदि को भी ठीक करने में पुखराज रत्न लाभकारी है।
- यह रत्न चिंता और तनाव को दूर कर मानसिक स्थिरता प्रदान करता है। इसका धारणकर्ता के मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस, फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों को भी इस रत्न से ठीक किया जा सकता है।
- हड्डियों से जुड़ी बीमारियों, जोड़ों में सूजन और गठिया के मरीज़ों को भी पुखराज पहनने से राहत मिलती है।
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