Subscribe Now

* You will receive the latest news and updates on your favorite celebrities!

Trending News

Blog Post

कुण्डली में कर्जयोग की समस्या और उसके उपाय
कुण्डली_में_कर्जयोग_की_समस्या_और_उसके_उपाय
Astrology

कुण्डली में कर्जयोग की समस्या और उसके उपाय 

व्यक्ति का जीवन बहुत ही कष्टमय होता है हर व्यक्ति विभिन्न प्रकार की समस्याओं से घिरा होता है. कर्ज होने पर उसका पूरा परिवार कष्टों  का सामना करता है. कर्ज में दबा व्यक्ति अपने जीवन को नष्ट तक करने के बारे में सोच सकता है. इसकी वजह से मानहानि, पैसों की तंगी और पारिवारिक कलेश झेलना पड़ता है. कर्ज में डूबा व्यक्ति अपने और अपने परिवार के लिए मुसीबत बन जाता है.

जिसका कारण ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव होता है. कहा जाता है कि अगर कुंडली में षष्ठम, अष्टम, द्वादश भाव कर्ज का कारक भाव होता है. वहीं, मंगल ग्रह को कर्ज का कारक ग्रह माना जाता है. जब कुंडली में मंगल ग्रह कमजोर हो या किसी अशुभ ग्रह के साथ युति में हो तो जातक कर्ज के नीचे दब जाता है. इसके अलावा मंगल के अष्टम, द्वादश, षष्ठम भाव में होने पर एवं मंगल के अशुभ स्थान में होने की अवस्था में व्यक्ति को कर्ज लेना पड़ जाता है.

छठवां भाव और कर्ज की समस्या

हमारा जन्म होते ही हम सभी अपने प्रारब्ध के चक्र से बंध जाते हैं और जन्मकुंडली हमारे इसी प्रारंभ को प्रकट करती है, हमारे जीवन में सभी घटनाएं नवग्रह द्वारा ही संचालित होती हैं. आज के समय में जहां आर्थिक असंतुलन हमारी चिंता का एक मुख्य कारण है वहीं एक दूसरी स्थिति जिसके कारण अधिकांश लोग चिंतित और परेशान रहते हैं वह है “कर्ज” धन का कर्ज चाहे किसी से व्यक्तिगत रूप से लिया गया हो या सरकारी लोन के रूप में ये दोनों ही स्थितियां व्यक्ति के ऊपर एक बोझ के समान बनी रहती हैं.

कई बार ना चाहते हुये भी परिस्थितिवश व्यक्ति को इस कर्ज रुपी बोझ का सामना करना पड़ता है, वैसे तो आज के समय में अपने कार्यों की पूर्ती के लिए अधिकांश लोग कर्ज लेते हैं, परन्तु जब जीवन पर्यन्त बनी रहे या बार बार सामने आये तो वास्तव में यह भी हमारी कुंडली में बने कुछ विशेष ग्रहयोगों के कारण ही होता है. हमारी कुंडली में “छठा भाव” कर्ज का भाव माना गया है अर्थात कुंडली का छठा भाव ही व्यक्ति के जीवन में कर्ज की स्थिति को नियंत्रित करता है, जब कुंडली के छठे भाव में कोई पाप योग बना हो या षष्टेश ग्रह बहुत पीड़ित हो तो व्यक्ति को कर्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है.

जैसे यदि छठे भाव में कोई पाप ग्रह नीच राशि में भावस्थ हो, छठे भाव में राहु-चन्द्रमा की युति या राहु-सूर्य के साथ होने से ग्रहण योग बन रहा हो, छठे भाव में राहु मंगल का योग हो, छठें भाव में गुरु-चाण्डाल योग बना हो, शनि-मंगल या केतु-मंगल की युति छठे भाव में हो तो  ऐसे पाप या क्रूर योग जब कुंडली के छठे भाव में बनते हैं तो व्यक्ति को कर्ज की समस्या बहुत परेशान करती है. पेमेंट में बहुत समस्यायें आती हैं. छठे भाव का स्वामी ग्रह भी जब नीच राशि में हो अष्टम भाव में हो या बहुत पीड़ित हो तो कर्ज की समस्या होती है.

इसके अलावा “मंगल”को कर्ज का नैसर्गिक नियंत्रक ग्रह माना गया है. अतः यहां मंगल की भी महत्वपूर्ण भूमिका है यदि कुंडली में मंगल अपनी नीच राशि (कर्क) में हो आठवें भाव में बैठा हो, अन्य प्रकार से अति पीड़ित हो तो भी कर्ज की समस्या बड़ा रूप ले लेती है. यदि छठे भाव में बने पाप योग पर बलि बृहस्पति की दृष्टि पड़ रही हो तो कर्ज का रीपेमेंट संघर्ष के बाद हो जाता है या व्यक्ति को कर्ज की समस्या का समाधान मिल जाता है, परन्तु बृहस्पति की शुभ दृष्टि के अभाव में समस्या बनी रहती है.

छठें भाव में पाप योग जितने अधिक होंगे उतनी समस्या अधिक होगी, अतः कुंडली का छठा भाव पीड़ित होने पर लोन आदि लेने में भी बहुत सतर्कता बरतनी चाहिये. बहुत बार व्यक्ति की कुंडली अच्छी होने पर भी व्यक्ति को कर्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसका कारण उस समय कुंडली में चल रही अकारक ग्रहों की दशाएं या गोचर ग्रहों का प्रभाव होता है, जिससे अस्थाई रूप से व्यक्ति उस विशेष समय काल के लिए कर्ज के बोझ से घिर जाता है.

कर्ज मुक्ति के लिए मंगलवार और बुधवार को करें ये उपाय

कभी भी मंगलवार और बुधवार के दिन कर्ज का लेन-देन बिलकुल भी नहीं करें. ऐसा माना जाता है कि मंगलवार को लिया गया कर्ज आसानी से नहीं उतर पाता है. इसलिए इस दिन किसी भी तरह का पैसों का लेनदेन बिलकुल भी न करें.

मंगल ग्रह का अशुभ प्रभाव देता है कर्ज

कुंडली में मंगल ग्रह का अशुभ प्रभाव है तो इसकी शांति के लिए भात पूजा, दान, यज्ञ और मंत्र जाप करना चाहिए. ज्‍योतिष के अनुसार मंगल का अशुभ प्रभाव भी जातक को कर्ज के तले दबा देता है.

post credit–माँ ललिताम्बा ज्योतिष सेवा केंद्र

Related posts

Leave a Reply

Required fields are marked *