Bhai dooj, जिसे भैया दूज या यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली के त्योहार के बाद मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। आइए जानते हैं Bhai Dooj 2024 date कब है, इसका मुहूर्त (Muhurat), समय (time), तिलक करने का तरीका और इसका महत्व।
Diwali Bhai Dooj 2024 date कब है? ( Bhai Dooj 2024 Date and Time )
दिवाली के बाद भाई दूज का त्योहार मनाने की परंपरा है। दिवाली का त्योहार 1 नवंबर 2024 को है और भाई दूज 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का अंतिम दिन होता है, जिसमें भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति प्रेम और स्नेह व्यक्त करते हैं।
Bhai Dooj 2024 Muhurat Date
तिथि शुरू होने का समय: 2 नवंबर 2024 को रात 8 बजकर 21 मिनट
- तिथि समाप्त होने का समय: 2 नवंबर 2024 को दोपहर 1:10 बजे
- तिलक का शुभ मुहूर्त: 2 नवंबर 2024 को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 22 बजे तक
भाई दूज 2024 पर तिलक करने का तरीका
भाई दूज पर तिलक करने की परंपरा को विशेष महत्व दिया जाता है। यह कुछ सरल चरणों में किया जा सकता है:
- पूजा की तैयारी: सबसे पहले एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं और भाई को इस पर बैठाएं।
- तिलक सामग्री: तिलक के लिए रोली, अक्षत (चावल), दीपक, मिठाई, और पानी की कटोरी रखें।
- तिलक लगाना: बहनें अपने भाई के माथे पर रोली और चावल का तिलक लगाती हैं और दीपक जलाती हैं।
- आरती करना: इसके बाद बहनें भाई की आरती करती हैं और उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।
- भाई का आशीर्वाद: भाई तिलक के बाद अपनी बहन को उपहार और आशीर्वाद देता है।
Bhai Dooj का महत्व
भाई दूज का महत्व बहुत गहरा और पौराणिक है। यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते की मिठास को बढ़ाता है। इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन यमराज ने अपनी बहन यमुनाजी से मिलने का वचन दिया था। ऐसी मान्यता है कि जो भाई इस दिन अपनी बहन से तिलक करवाता है, उसे मृत्यु के बाद यमलोक में जाने का भय नहीं रहता। इसलिए, भाई दूज पर तिलक की परंपरा का विशेष महत्व है।
Bhai Dooj 2024 Date in India Calendar
भारत में हर वर्ष भाई दूज का त्योहार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। 2024 में, यह तिथि 2 नवंबर को पड़ रही है। इसलिए, इस दिन को अपने कैलेंडर में चिन्हित करना न भूलें ताकि आप इस खास पर्व का आनंद उठा सकें।
Bhai Dooj की कहानी
भाई दूज के पीछे एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने के लिए आए थे। यमुनाजी ने उनका स्वागत किया, तिलक किया और उनके लिए भोजन बनाया। यमराज ने उनकी श्रद्धा से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि इस दिन बहनें जो तिलक करेंगी, उनके भाई की लंबी उम्र होगी। तभी से भाई दूज पर भाई को तिलक करने की परंपरा शुरू हुई।
Bhai Dooj का उत्सव कैसे मनाएं?
- तिलक और आरती: बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उसकी आरती करती हैं।
- भाई का आशीर्वाद: भाई अपनी बहन को उपहार और आशीर्वाद देता है।
- मिठाई और पकवान: भाई दूज पर मिठाइयां और विशेष पकवान बनते हैं जिन्हें भाई और बहन मिलकर खाते हैं।
- सपनों की साझा बातें: इस दिन भाई-बहन अपने जीवन की बातें साझा करते हैं और पुराने किस्सों को याद करते हैं।
Diwali 2024 Celebration के बाद Bhai Dooj
दिवाली का त्योहार ख़ुशियों और रौशनी से भरा होता है। इसके बाद भाई दूज का पर्व आता है, जो पारिवारिक संबंधों को और मजबूत करता है। यह दिन दिवाली के उल्लास को और बढ़ाता है, क्योंकि परिवार के सभी सदस्य एक साथ इकट्ठा होते हैं।
ये भी पढ़ें – Diwali 2024 date कब है : शुभ मुहूर्त, तारीख, और पूजन विधि
भाई दूज पर तिलक का महत्व
भाई दूज पर बहनों द्वारा लगाए गए तिलक का धार्मिक महत्व है। यह तिलक भाई के लिए आशीर्वाद स्वरूप होता है और उसके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने का प्रतीक है। इसे लगाने से भाई की आयु लंबी होती है और उसके जीवन में संकट कम होते हैं।
Bhai Dooj के अन्य नाम
भाई दूज को भारत में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे:
- महाराष्ट्र में: इसे “भाऊ बीज” कहा जाता है।
- उत्तर भारत में: इसे “भाई दूज” के नाम से मनाया जाता है।
- बंगाल में: इसे “भाई फोटा” कहते हैं।
Bhai Dooj 2024 पर क्या करें?
भाई को तिलक करें और उनकी लंबी उम्र की कामना करें।
- मिठाई और पकवान बनाएं और पूरे परिवार के साथ मिलकर खाएं।
- भाई–बहन के रिश्ते को मजबूत करें और पुरानी यादों को ताजा करें।
Bhai Dooj और Diwali के बीच का संबंध
भाई दूज और दिवाली दोनों ही त्यौहार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का समापन भाई दूज के साथ होता है। जहां दिवाली लक्ष्मी पूजन, दीपक जलाने और खुशियां बांटने का दिन है, वहीं भाई दूज भाई-बहन के रिश्ते को मनाने का दिन है।
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