1. मेष राशि में राहु और मंगल की युति
मेष राशि वालो के बारह भाव में पुलिस या हॉस्पिटल से संबंधित किसी बड़ी समस्या के होने के संकेत दिखाई दे रहे हैं।क्योंकि राहु और मंगल मंगल की युति से नक्षत्र 3,7,11 भाव में आते है।
उस दोष के साथ साथ मंगल की आठवीं दृष्टि साथी भाव पर भी रहेगी।
2. वृषभ राशि में राहु और मंगल की युति
वृषभ राशि के लाभ भाव में अंगारक दोष रहेगा। क्योंकि वृषभ वालो के लिए राहु और मंगल के नक्षत्र 2,6,10 भाव में आते है।
जिसकी वजह से काम से संबंधित और धन कुटुंब से संबंधित समस्या हो सकती है और बड़े भाईयो से बिगड़ सकती है।
3. मिथुन राशि में राहु और मंगल की युति
मिथुन राशि वालो के लिए यह दोष कर्म भाव में रहेगा। राहु मंगल के नक्षत्र 1,5,9 भाव में आते है।
काम से संबंधित किसी मैटर में विवाद होने के चांस ज्यादा है।
मंगल राहु की सातवी दृष्टि घर प्रॉपर्टी और सुख सुविधा से संबंधित भी बड़ी समस्या कर सकती है
जबकि मंगल की आठवीं दृष्टि संतान भाव पर रहेगी।
4. कर्क राशि में राहु और मंगल की युति
कर्क राशि वालो के भाग्य भाव में रहेगा। यहां से मंगल की अष्टम दृष्टि घर के सुखों पर होने से घर प्रॉपर्टी से संबंधित कुछ विवाद हो सकते हैं। या घरेलू कलह हो सकते हैं।
4,8,12 भाव के नक्षत्रों के मालिक का भाग्य में दोष बनेगा।
5. सिंह राशि में राहु और मंगल की युति
सिंह राशि वालो के लिए यह दोष ज्यादा खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह दोष अष्टम भाव में है।
अष्टम भाव में राहु के साथ जब कोई दोष बनता है तब ज्यादातर चोट चपेट एक्सीडेंट से संबंधित मुसीबत होती है।
कहने का मतलब यह हुआ कि आयु भाव में दोष बनेगा।
मंगल,राहु 3,7,11 भाव के नक्षत्रों का मालिक है। कुटुंब मैं ससुराल पक्ष की तरफ से भी समस्या आ सकती है
क्योंकि पार्टनर भाव के नक्षत्रों के मालिक अष्टम भाव में दोष बनाकर दूसरे भाव पर दृष्टि बनाएंगे।
6. कन्या राशि में राहु और मंगल की युति
कन्या राशि वालो के लिए राहु, मंगल से बनने वाले अंगारक दोष का प्रभाव धन, कुटुंब और वाणी और कर्म से संबंधित चीजों पर ज्यादा दिखेगा।
क्योंकि 2,6,10 भाव के नक्षत्रों के मालिक पार्टनर भाव मैं दोष बना रहे हैं।
पार्टनर से संबंधित कोई बड़ा विवाद हो सकता है
जिसकी वजह से कुछ लोगो के कुटुंब में या कुछ लोगो के पार्टनर शिप के व्यापार में कर्म से संबंधित बड़ी समस्या हो सकती है
यानी पार्टनर से संबंधित समस्या रहेगी। या बड़ेगी
7. तुला राशि में राहु और मंगल की युति
तुला राशि वालो के लिए 1,5,9 भाव के नक्षत्रों के मालिक की युति से अंगारक दोष का प्रभाव छ्ठे भाव में होगा।
यानी रोग ऋण और शत्रुता रहेगी।
क्योंकि छ्ठे भाव में तो दोष बनेगा ही लेकिन पहले भाव पर भी मंगल की आठवीं दृष्टि राहु के नक्षत्र पर रहेगी।
कुल मिलाकर रोग ऋण और शत्रुता में ज्यादा चांस शत्रुता के रहेंगे।
8. वृश्चिक राशि में राहु और मंगल की युति
वृश्चिक राशि वालो के लिए 4,8,12 भाव के नक्षत्रों के मालिक पंचम भाव में अंगारक दोष रहेगा।
कुछ लोगो की शिक्षा से संबंधित कुछ लोगो के लव से संबंधित मामले में समस्या आएगी।
जिनकी संतान है उन्हे संतान से संबंधित समस्या रह सकती है क्योंकि पंचम में दो क्रूर ग्रह होंगे।
9. धनु राशि युति
धनु राशि वालो के लिए 3,7,11 भाव के नक्षत्रों के मालिक चौथे भाव में अंगारक दोष में रहेंगे।
पार्टनर या बड़े भाई बहनों से घर प्रॉपर्टी से संबंधित विवाद या घरेलू कलह हो सकता है।
समाज से भी विवाद हो सकता है कहने का मतलब चोथा भाव से संबंधित समस्या रहेगी।
10. मकर राशि युति
मकर राशि के लिए 2,6,10 के नक्षत्र के मालिक तीसरे भाव में है
छोटे भाई बहनों से या पड़ोसी से विवाद होने के साथ साथ कर्म भाव और धन भाव भी डेमेज हो सकता है।
क्योंकि कर्म भाव और धन भाव के नक्षत्रों के मालिक तीसरे में दोष बना रहे हैं
11. कुंभ राशि युति
कुंभ राशि वालो के 1,5,9 भाव मैं पड़ने वाले नक्षत्रों के मालिक धन कुटुंब भाव में रहेंगे।
यानी कुटुंब से बिगड़ेगी और धन से संबंधित नुकसान होगा। इस में कुछ लोगो के लिए ससुराल पक्ष से भी बिगड़ेगी।
संतान भाव और भाग्य भाव में आने वाले राहु के नक्षत्रों पर मंगल की दृष्टि रहेगी
यह सिर्फ नॉर्मली जानकारी है। इस जानकारी मैं राहु की दृष्टि हर राशि में कहा कहा जाएगी और मंगल की दृष्टि कहा कहा जाएगी।
वह फलित नही की है। राहु, मंगल के एक साथ होने से उनकी दृष्टि जहा जहा होगी। वहा पर भी बुरा प्रभाव देखने को मिलेगा।
लेकिन मोटा मोटी तौर पर आपको यह बताया गया है। इस युति में मंगल अपना खतरनाक रोल निभाएगा।
क्योंकि मंगल की चौथी और आठवीं दृष्टि राहु के नक्षत्रों पर रहेगी
उम्मीद है की आप समझ जाओगे।
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