द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने भाद्रपद की अष्टमी बुधवार रोहिणी नक्षत्र में अवतार लिया। भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी महान लीलाआें के माध्यम से समाज को बताया कि महान व्यक्तियोंं को न केवल कठिनाइयों को बर्दाश्त करना पड़ता है,
बल्कि उनसे प्यार भी करना पड़ता है। भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में अपने विराट स्वरूप का दर्शन कराते हुए अर्जुन को दिव्य ज्ञान देते हुए संदेश दिया कि शांति का मार्ग ही प्रगति एवं समृद्धि का रास्ता है जबकि युद्ध का मार्ग सीधे श्मशान ले जाता है।
भगवान श्रीकृष्ण की कुंडली में पूर्ण पुरुष कृष्ण योगी और पंचम भाव में स्थित उच्च के बुद्ध ने जहां उन्हें वाकचातुर्य, विविध, कलाविद् बनाया, वहीं बिना हथियार से वाकचातुर्य से कठिन से कठिन कार्य भी सिद्ध किए तथा स्वगृही बृहस्पति ने आय भाव में, नवम भाव में स्थित उच्च के मंगल ने और शत्रु भाव में स्थित उच्च के शनि ने वीराग्रणी और परम पराक्रमी बनाया।
माता के स्थान में स्थित स्वगृही सूर्य ने माता-पिता से दूर रखा। सप्तमेश मंगल और लग्र में स्थित उच्च के चन्द्र ने तथा स्वगृही शुक्र ने गोपी गण सेवित रसिक शिरोमणि और कलाप्रेमी सौन्दर्य-उपासक बनाया। लाभ घर के बृहस्पति, नवम भाव में उच्च के मंगल, छठे भाव में स्थित उच्च के शनि, पंचम भाव में स्थित उच्च के बुध और चतुर्थ भाव में स्थित उच्च के सूर्य ने महान पुरुष, शत्रुहन्ता, तत्वज्ञ, विजयी, जननायक और अमर र्कीतकारक बनाया।
इन्हीं ग्रहों के विराजमान होने के कारण तथा लग्र में उच्च के सूर्य के कारण चंचल नेत्र, समृद्धशाली, ऐश्वर्यवान एवं वैभवशाली चक्रवर्ती राज योग का निर्माण किया। भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में अधर्म पर धर्म की विजय की पताका फहराई पांडव रूपी धर्म की रक्षा की एवं कौरव रूपी अधर्मियों का नाश किया।
Related posts
1 Comment
Leave a Reply Cancel reply
Subscribe for newsletter
* You will receive the latest news and updates on your favorite celebrities!
Varshik Rashifal 2025: सफलता और शांति के लिए जानें खास उपाय
Varshik Rashifal 2025 ज्योतिष शास्त्र के आधार पर आने वाले वर्ष के लिए सभी राशियों का विश्लेषण करता है। हर…
सरकारी नौकरी का ग्रहों से संबंध तथा पाने का उपाय
सरकारी नौकरी पाने की कोशिश हर कोई करता है, हलांकि सरकारी नौकरी किसी किसी के नसीब में होती है। अगर…
जानिए कैसे ग्रह आपकी समस्याओं से जुड़े हैं
जीवन में छोटी-मोटी परेशानियां हों तो यह सामान्य बात है, लेकिन लगातार परेशानियां बनी रहें या छोटी-छोटी समस्याएं भी बड़ा…
Vish yog का जीवन पर प्रभावVish yog का जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में Vish yog और दोष व्यक्ति के जीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं, यदि किसी…
Mokshada Ekadashi date and time 2024, subh muhurat, puja vidhi
मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह पवित्र दिन…
Makar Sankranti date and time 2025: शुभ मुहूर्त,कहानी, महत्व
मकर संक्रांति 2025 (Makar Sankranti 2025 date and time) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार (Hindu festival) है, जिसे हर साल जनवरी…
Kumbh Mela 2025 Prayagraj Date and Place: स्नान तिथि और पंजीकरण की जानकारी
भारत में कुंभ मेला धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का प्रतीक है। यह मेला हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा पर्व है।…
16 Somvar vrat : कथा, नियम और फायदे | शिव जी की कृपा पाने का सरल उपाय
हिंदू धर्म में सोमवार व्रत (16 Somvar vrat) का विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के…
[…] एक कथा के अनुसार, द्वारका नगरी, जो भगवान कृष्ण की नगरी थी, उसे भी भगवान विश्वकर्मा ने […]