मैं कौन हूँ ? – जन्म से ही नाना प्रकार के सम्बन्धों में भ्रम हो जाता है कि मैं कौन हूँ ? यह जिज्ञासा यौगिक है। ‘वासांसि जीर्णानि…’ – शरीर एक वस्त्र है। यह शरीर छूटा, दूसरा मिला। तामस गुण के कार्यकाल में मृत्यु को प्राप्त हुआ पुरुष पशु, कीट-पतंग इत्यादि अधम योनि प्राप्त करता है। राजसी गुण के कार्यकाल में वह मनुष्य तन पाता है। सात्त्विक गुण के कार्यकाल में देव इत्यादि उन्नत योनि पाता है हर हालत में योनि पाता है। अत: यह प्रश्न ज्यों-का-त्यों है कि मैं कौन हूँ? वास्तव में जब द्रष्टा यह आत्मा अपने स्वरूप में स्थिर हो जाता है तो वही आपका वास्तविक स्वरूप है।
प्रवृत्ति, निवृत्ति, समाधि ये सब प्रकृति के अंतर्गत हैं।अहं के विलय होते ही प्रकृति की सत्यता बाधित होकर परमात्मा मिल जाएगा।’मैं कौन हूँ?’ ये खोजते-खोजते जानें परम सत्य को, जिसमें भगवान स्वयं स्थित हैं।‘मूलभूत ज्ञान है ये इसके बिना आगे की यात्रा संभव नहीं है।
मैं कौन हूँ?’ आत्म विचार समस्त विचारों का स्रोत – ‘मैं’ का विचार है | मन केवल आत्म – विचार – मैं कौन हूँ द्वारा विगलित होगा| ‘मैं कौन हूँ’ का विचार अन्य सभी विचारों को नष्ट कर देगा और अन्त में स्वयं को भी नष्ट कर देता है| यदि दूसरे विचार उदित होते हैं तो उन्हे पूरा हुए दिए बिना तुरन्त खोज करनी चहिए कि किसके लिए ये विचार उदित हुए| चाहे कितनी ही संख्या में विचार उदित क्यों न हो? जैसे ही एक विचार उदित होता है, सतर्क रहते हुए पूछ्ना चाहिए कि ये विचार किसके लिए है ? उत्तर होगा मेरे लिए यदि आप ‘मैं कौन हूँ’; का आत्म-विचार करते हैं तो मन अपने स्रोत पर वापिस पहुँच जायेगा | विचार जो उदित हुआ था, अस्त भी हो जायेगा | इसका आप जितना अधिक अभ्यास करते हैं, मन की अपने स्रोत में निवास करने की शक्ति बढ़ती जाती है|
अनहद नाद सुनो, भगवान के अस्तित्व का एहसास खुद कीजिये ध्यान से ! हजारों यज्ञ, तप, पुण्यकर्म आदि भगवत्कथा-सत्संग के आगे बने हैं कैसे?’ असली मैं’ और ‘नकली मैं’ क्या है ?.
‘मैं’ अगर मनुष्य में यानी सृष्टि में है तो आप खुद से जुदा हो गये और अगर यही ‘मैं’ समष्टि में है तो आप खुद खुदा हो गये बड़ी ही गहन बात सुख-दुःख, मान – अपमान ये सब नकली “मैं” में होता है असली “मैं” तो इन सब का दृष्टा है और इसका ज्ञान तो ब्रह्मज्ञानी संत महापुरुष ही करा सकते हैं !
कभी ना कभी, कहीं ना कहीं ऐसा कोई कर्म हुआ है तुमसे इसीलिए ही तुम्हें सत्संग का सौभाग्य मिला है सारे दु:खों से पार उतरनेका कौन-सा ज्ञानयुक्त उपाय दिया है संतों-महापुरुषों ने ?स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने संत महापुरुषों की 2 घड़ी की सेवा को 50 साल की निष्कपट भक्ति से बेहतर बताया दुनिया में जो भी बड़े-बड़े परिवर्तन या कार्य हुए हैं वे भी असली “मैं” में टिकने के बाद ही हुए हैं !कर्म का बंधन किस नहीं लगता ?
Related posts
Subscribe for newsletter
* You will receive the latest news and updates on your favorite celebrities!
सरकारी नौकरी का ग्रहों से संबंध तथा पाने का उपाय
सरकारी नौकरी पाने की कोशिश हर कोई करता है, हलांकि सरकारी नौकरी किसी किसी के नसीब में होती है। अगर…
जानिए कैसे ग्रह आपकी समस्याओं से जुड़े हैं
जीवन में छोटी-मोटी परेशानियां हों तो यह सामान्य बात है, लेकिन लगातार परेशानियां बनी रहें या छोटी-छोटी समस्याएं भी बड़ा…
Vish yog का जीवन पर प्रभावVish yog का जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में Vish yog और दोष व्यक्ति के जीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं, यदि किसी…
सातवें घर में बृहस्पति और मंगल प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सातवें घर से पति-पत्नी, सेक्स, पार्टनरशिप, लीगल कॉन्ट्रैक्ट आदि का विचार कर सकते हैं इस भाव…
Kartik purnima date कब है? जानें पूजन का शुभ समयऔर विधि
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik purnima 2024) Kartik purnima, हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है। इसे विशेष रूप से…
chhath puja date 2024: , शुभ मुहूर्त, व्रत नियम, पूजा विधिऔर कथा
chhath puja, जिसे ‘सूर्य षष्ठी व्रत’ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह मुख्य…
Govardhan Puja 2024 Date: समय, शुभ मुहूर्त, महत्त्व, कथा और पूजा विधि
Govardhan Puja 2024, जिसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्योहार दिवाली…
Bhai Dooj 2024 Date कब है? Subh Muhurat and Time
Bhai dooj, जिसे भैया दूज या यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली के त्योहार के बाद…