पन्ना एक बहुत ही अदभुत और प्राचीन पत्थर है और इसे माणिक और नीलम के साथ विश्व के शीर्ष तीन पत्थरों में वर्गीकृत किया गया है। पन्ना भारतीय वैदिक ज्योतिष में एक उत्तम असरदायक पत्थर माना गया है। पन्ना, एक शुद्ध पत्थर है, जो बुध ग्रह से जुड़ा है। पन्ना रत्न बुध की ऊर्जा को संग्रहीत कर सकता है
इसलिए इसे धारण करने वाले को ज्ञान की प्राप्ति होती है। रत्न की शक्ति वसंत के दौरान अधिक होती है और प्यार के लिए एक शुभ संकेत है। इसे आप अपने साथी को पन्ना उपहार में देते सकते हैं ।
और पहनने वाले को अच्छा स्वास्थ्य, ज्ञान, धनs-दौलत, रचनात्मकता और आनंदपूर्ण वैवाहिक जीवन प्रदान करता है। पन्ना मई के महीने में पैदा हुए व्यक्तियों के लिए जन्म का रत्न है। पन्ना रत्न रूस, ब्राजील, दक्षिण अमेरिका, जाम्बिया, पाकिस्तान और कोलंबिया जैसे देशों में पाया जाता है।
10 चमत्कारी फायदे
- अभिमंत्रित पन्ना रत्न धारण करने से धन में अपार वृद्धि होती है, यदि आप व्यापारी हैं अथवा नौकरी करते हैं तो ऐसी परिस्थिति में पन्ना धारण करना किसी चमत्कारी उपाय को करने से कम नहीं है।
- यदि कोई व्यक्ति कर्ज से अधिक परेशान है, लाखों का कर्ज है, किसी न किसी कारणवस इतना धन एकत्रित नहीं हो पा रहा है तो पन्ना रत्न अवश्य धारण करें इसे धारण करने से धन आने के अनेकों मार्ग खुलते हैं।
- पन्ना पहनने से आंखों की रोशनी भी तेज होती है और आंखों को आराम मिलता है।
- पन्ना रत्न धारण करने से व्यक्ति हर कार्य में सफलता मिलती है, तथा उन्नति के अनेकों मार्ग उत्पन्न होते हैं।
- अर्थशास्त्र और गणित के अध्यापकों के लिए भी यह रत्न सफलता के मार्ग खोलता है।
- यदि किसी व्यक्ति को अनेकों बीमारी हो गई और इलाज करवाने के पश्चात में बीमारी दूर नहीं हो रही है, ऐसी परिस्थिति में पन्ना रत्न धारण करना अत्यंत लाभकारी है।
- पन्ना रत्न धारण करने से बुद्धि में विकास होता है, तथा सोचने की क्षमता में वृद्धि होती है।
- चुनौतियों और मुश्किलों का सामना करने एवं विपरीत परिस्थिति से बाहर निकलने में भी यह रत्न मदद करता है।
- यदि किसी गर्भवती महिला की कमर पर पन्ना रत्न बांध दिया जाए तो उसका प्रसव आसानी से हो जाता है।
- पन्ना रत्न एवं हीलिंग पॉवर होती है, एलर्जी, सांस से संबंधित बीमारियों, त्वचा से जुड़ी परेशानियों और तंत्रिका विकारों से ग्रस्त व्यक्ति को पन्ना पहनने से लाभ होता है।
पन्ना रत्न धारण करने की विधि
- पन्ना रत्न को सही तरीके से पहनने के लिए, रत्न पहनने की विधि विविध और काफी महत्वपूर्ण है।
- अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए सही रत्न चुनना महत्वपूर्ण है जो सभी मामलों में मदद करेगा।
- प्रत्येक रत्न एक विशिष्ट ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। प्रत्येक रत्न को पहनने की विधि एक दूसरे से भिन्न होती है।
- पन्ना रत्न मस्तिष्क की शक्ति, बुद्धि, स्मृति, संचार कौशल और भाषण को बढ़ाता है।
- गर्म रत्न होने के कारण, यह हकलाना, अस्थमा, अल्सर, दस्त, गैस्ट्रिक परेशानी आदि से पीड़ित लोगों के लिए अनुशंसित है।
पन्ना रत्न पहनने का नियम
प्रत्येक रत्न को पहनने का ज्योतिष के अनुसार एक नियम होता है, जिसके अनुसार उसे एक विशेष भार में, एक विशेष दिन, एक विशेष अंगुली में पहनना होता है. ऐसे में पन्ना रत्न को पहनने से पहले आपको किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर उचित भार वाला पन्ना रत्न खरीदना चाहिए और फिर उसे सोने या तांबे में जड़वाकर बुधवार के दिन विधि-विधान से धारण करना चाहिए. बुध के रत्न पन्ना को धारण करने के लिए प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठें और स्नान-ध्यान करने के बाद बुध के मंत्र ॐ बुं बुधाय नम: अथवा ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जप करें. पन्ना रत्न से बनी अंगूठी को ब्रह्ममुहूर्त मेंकनिष्ठा अंगुली में धारण करें. ध्यान रहे कि अंगूठी में जड़ा पन्ना आपकी अंगुली को स्पर्श अवश्य करता रहे.
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