ज्योतिषी में अशुभ मंगल के प्रभाव एवं उपाय

Astrology

ज्योतिषी में अशुभ मंगल के  प्रभाव  एवं उपाय

By pavan

May 08, 2024

ज्योतिष अनुसार मंगल का हमारे स्वास्थ्य, परिवार और आर्थिक स्थिति पर बहुत प्रभाव आता है। मंगल भाई के सुख, अचल संपत्ति के सुख, जीवनसाथी और बच्चों के सुख का कारक होता है। मंगल जन्म कुंडली के 3, 6, 10, 11 भाव में शुभ होता है जबकि अन्य भाव में मंगल की स्थिति हो या फिर जन्म कुंडली में मंगल 2, 7 ( मारक ) हो, या फिर शनि, राहु, केतु मंगल युति दृष्टि संबंध हो, जन्म कुंडली में मंगल वक्री हो इन सब स्थिति में निम्न अशुभ प्रभाव आते हैं।

स्वास्थ्य पर प्रभाव:

जन्म कुंडली में मंगल अशुभ फल दे रहा हो तो स्वास्थ्य के रूप में पित्त प्रकृति के रोग परेशान करते हैं। इस से हृदय रोग, तवचा रोग, मूत्र अंगों से जुड़े रोग, आंखों और सर दर्द के रोग होते हैं। खास कर मंगल की अशुभता तनाव की वजह से बुद्धि को कमज़ोर करती है, ऐसे व्यक्ति का शरीर सूख जाता है यानी शरीर से दुबले पतले होते हैं।

परिवारिक जीवन पर प्रभाव:

जन्म कुंडली में मंगल अशुभ फल दे रहा हो तो परिवार में एक दूसरे का सुख नहीं मिलता। ऐसे व्यक्ति को पत्नी और बच्चों के साथ हमेशा अनबन बनी रहती है। घर में खाने को लेकर, एक दूसरे की पैसे की ज़रूरत को लेकर, किसी भी तरह के दिन त्योहार, शादी विवाह की खरीदारी के खर्च को लेकर झगड़े होते हैं।

आर्थिक स्थिति पर प्रभाव:

जन्म कुंडली में मंगल अशुभ फल दे रहा हो तो आय चाहे कितनी भी हो, तब भी जीवन में सुकून की कमी होगी। बिजली के सामान, वाहन, घर बनवाने पर और दवाइयों पर खर्च ज़्यादा होते हैं। और जब दिन त्योहार पर, या फिर किसी खास ज़रूरत के समय पैसे की ज़रूरत होगी तभी पैसे की कमी का अनुभव होता है।

विशेष प्रभाव:

यदि जन्म कुंडली में मंगल अशुभ फल दे रहा है तो भाई के सुख का अभाव होगा, खुद की ज़मीन, अचल संपत्ति, सोना/ चांदी बनाने में बाधा आएगी। खास कर भीड़ जैसी जगहों पर वाहन चलाने की कला की कमी होती है।

मंगल से शुभता के उपाये:

यदि उपरोक्त बताये गए लक्षण आपके जीवन में हैं तो मंगल की शुभता के लिए निम्न उपाये करें

  1. मंगलवार के दिन हनुमानजी की पूजा पाठ, मंत्र जप करें, गुड़ चने या मीठी बूंदी का प्रसाद मंदिर में भेंट करें।
  2. किसी भी रूप में चांदी धारण करें या चांदी की ठोस गोली अपने साथ रखें।
  3. यदि परिवार में कलह से परेशान हैं तो रेवड़ियाँ जल प्रवाह करें या फिर तंदूर में बनी मीठी रोटी का दान करें।
  4. घर में खराब बिजली का सामान ना रहने दें, और दक्षिण दिशा में धातु के 2 घोड़े रखें।

यदि स्वास्थ्य संबंधित समस्या हो तो गन्ने के रस से शिवलिंग अभिषेक करें।