Advantages and disadvantages of Mars

Dosh Nivaran

वैदिक ज्योतिष में मंगल ग्रह से होने वाले लाभ और हानि

By pavan

October 17, 2022

कुंडली में मंगल की अच्छी दशा बेहद कामयाब बनाती है. वहीं इस ग्रह की बुरी दशा इंसान से सब कुछ छीन भी सकती है. मंगल के बहुत से शुभ और अशुभ योग हैं.

मंगल का पहला अशुभ योग –

किसी कुंडली में मंगल और राहु एक साथ हों तो अंगारक योग बनता है. अक्सर यह योग बड़ी दुर्घटना का कारण बनता है. इसके चलते लोगों को सर्जरी और रक्त से जुड़ी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अंगारक योग इंसान का स्वभाव बहुत क्रूर और नकारात्मक बना देता है. इस योग की वजह से परिवार के साथ रिश्ते बिगड़ने लगते हैं.

अंगारक योग से बचने के उपाय –

अंगारक योग के चलते मंगलवार का व्रत करना शुभ होगा. मंगलवार का व्रत रखने के साथ भगवान शिव के पुत्र कुमार कार्तिकेय की उपासना करें.

मंगल का दूसरा अशुभ योग –

अंगारक योग के बाद मंगल का दूसरा अशुभ योग है मंगल दोष. यह इंसान के व्यक्तित्व और रिश्तों को नाजुक बना देता है. कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें स्थान में मंगल हो तो मंगलदोष का योग बनता है. इस योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति को मांगलिक कहते हैं. कुंडली की यह स्थिति विवाह संबंधों के लिए बहुत संवेदनशील मानी जाती है.

मंगलदोष के लिए उपाय –

हनुमान जी को रोज चोला चढ़ाने से मंगल दोष से राहत मिल सकती है. मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति को जमीन पर ही सोना चाहिए.

मंगल का तीसरा अशुभ योग –

नीचस्थ मंगल तीसरा सबसे अशुभ योग है. जिनकी कुंडली में यह योग बनता है, उन्हें अजीब परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. इस योग में कर्क राशि में मंगल नीच का यानी कमजोर हो जाता है. जिनकी कुंडली में नीचस्थ मंगल योग होता है, उनमें आत्मविश्वास और साहस की कमी होती है. यह योग खून की कमी का भी कारण बनता है. कभी–कभी कर्क राशि का नीचस्थ मंगल इंसान को डॉक्टर या सर्जन भी बना देता है.

नीचस्थ मंगल के लिए उपाय –

नीचस्थ मंगल के अशुभ योग से बचने के लिए तांबा पहनना शुभ सकता है. इस योग में गुड़ और काली मिर्च खाने से विशेष लाभ होगा.

मंगल का चौथा अशुभ योग –

मंगल का एक और अशुभ योग है जो बहुत खतरनाक है. इसे शनि मंगल (अग्नि योग) कहा जाता है. इसके कारण इंसान की जिंदगी में बड़ी और जानलेवा घटनाओं का योग बनता है. ज्योतिष में शनि को हवा और मंगल को आग माना जाता है. जिनकी कुंडली में शनि मंगल (अग्नि योग) होता है उन्हें हथियार, हवाई हादसों और बड़ी दुर्घटनाओं से सावधान रहना चाहिए. हालांकि यह योग कभी–कभी बड़ी कामयाबी भी दिलाता है.

शनि मंगल (अग्नि योग) के लिए उपाय –

शनि मंगल (अग्नि योग) दोष के प्रभाव को कम करने के लिए रोज सुबह माता-पिता के पैर छुएं. हर मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने से इस योग का प्रभाव कम होगा.

मंगल का पहला शुभ योग –

मंगल के शुभ योग में भाग्य चमक उठता है. लक्ष्मी योग मंगल का पहला शुभ योग है. चंद्रमा और मंगल के संयोग से लक्ष्मी योग बनता है. यह योग इंसान को धनवान बनाता है. जिनकी कुंडली में लक्ष्मी योग है, उन्हें नियमित दान करना चाहिए.

मंगल का दूसरा शुभ योग –

मंगल से बनने वाले पंच-महापुरुष योग को रूचक योग कहते हैं. जब मंगल मजबूत स्थिति के साथ मेष, वृश्चिक या मकर राशि में हो तो रूचक योग बनता है. यह योग इंसान को राजा, भू-स्वामी, सेनाध्यक्ष और प्रशासक जैसे बड़े पद दिलाता है. इस योग वाले व्यक्ति को कमजोर और गरीब लोगों की मदद करनी चाहिए.

Post credit -श्री लक्ष्मी नारायण ज्योतिष सेवा संस्थान,,, श्रीधाम अयोध्या जी