राहु और केतु का अपना कोई घर नहीं होता दोनों छाया ग्रह है l जिसके राशि में बैठते हैं और उसी राशि पर कब्जा जमा कर बैठ जाते हैं और उसी के अनुसार अच्छा या खराब फल देना शुरू कर देते हैं l
राहु का शरीर नहीं है सिर्फ सर है इसलिए यह हमें मानसिक तड़प देता है उसी प्रकार केतु का सर नहीं है शरीर है इसलिए वह हमें शारीरिक तड़प देता है lचाहे वह तड़प जिस रूप में पैदा करें l मान लीजिए कि राहु द्वितीय भाव में है तो वह धन के लिए मानसिक रूप से तड़प पैदा करेगा l अगर केतु है तो आपकी शारीरिक रूप से धन के प्रति ज्यादा झुकाव रहेगा I
राहु आडंबर पैदा करता है Iयोजना बनाता है I साजिश रचता है I आरोप-प्रत्यारोप लगाने में माहिर रहता है I आप एक तभी राजनीतिज्ञ कूटनीतिज्ञ अच्छा हो सकते हैं जब आपकी राहु कुंडली में बलवान रहेगी I राहु के बलवान होने से सफल व्यक्ता हो सकते हैं Iजिस किसी भाव में रहेगा उस भाव के प्रति ऐसा ही व्यूह रचना तैयार करेगा I
जैसे लग्न में रहेगा जातक बहुत बड़ा आडंबर फैलाने वाला होगा I आप उसके मन की बातों को नहीं जान सकते हैं,जातक शातिर दिमाग का हो जाता है I साजिश रचने में माहिर होता है Iछाया ग्रह होने के कारण आपके कुंडली में इसकी छाया डिग्री के अनुसार , नक्षत्र के अनुसार , राशि के अनुसार और घर के अनुसार आप देखिए उसी अनुसार से आपके स्वभाव में, व्यवहार में कुटिलता नीचता आएगा I*
व्यक्ति तंत्र- मंत्र , भूत- प्रेत , शमशान , ओझा गुनी आदि राहु के वजह से ही विश्वास करता है Iसमाज के किसी जघन्य अपराध में राहु का बहुत बड़ा योगदान है I हत्या ,लूट ,डकैती , साजिश के तहत जघन्य अपराध ,घूसखोर ,भ्रष्टाचारी , चरित्रहीन , व्यभिचारी मतलब नीचता के हर स्तर तक ले जा सकता है।
नवम भाव राहु धार्मिक यात्रा भी करवाता है जातक धर्म कर्म में विश्वास भी रखता है I शनि के साथ बैठा हो तो घर त्याग भी करवाता है Iसूर्य के साथ राहु इज्जत मान प्रतिष्ठा यश कीर्ति को धूमिल कर देता है lमंगल के साथ महा हठी जिद्दी मूर्खों जैसा बर्ताव करता है lगुरु के साथ संस्कार विहीन स्वभाव में नीचता आता है,
शुक्र के साथ नीचे स्त्रियों का संगत तथा योन रोग देता है lवायु कारक ग्रह होने के कारण अपने महादशा या अंतर्दशा में जितना देता है उतना हवा के झोंके की तरह खत्म भी हो जाता है इसमें देने की स्थिरता नहीं रहती I
केतु जो शारीरिक तड़क पैदा करता है इसमें दिमाग नहीं होता I किसी कार्य के लिए अचानक निर्णय ले लेता है अचानक कोई कार्य कर डालता है Iपरिणाम की चिंता कम करता है lजिसके कारण कभी-कभी अपार सफलता पा लेता है lछाया ग्रह है जितना कुंडली में बलवान रहेगा उतना ही शारीरिक रूप से आपको हठी और जिद्दी बनाएगा lजीत हासिल करआएगा lआपके छत्रछाया तले एक साम्राज्य बढ़ाने की कोशिश करेगा l
हर चीज पर अधिकार हासिल करना चाहता है Iसोचता कम है इसीलिए कभी-कभी मूर्खों की तरह काम करता है Iशारीरिक रूप से परिश्रमिक होता है Iअचानक से भोग विलास का त्याग भी कर देता है I
शारीरिक त्याग की भावना , हठयोग ,नंगा बाबा ,समाधि लेना ,अंगदान ,तपस्या ,मोक्ष की लड़ाई ,उदंड केतु से ही जाना जाता है,कभी-कभी कुंडली में यह शुभ ग्रहों में देखा गया है I
गुरु के साथ अगर नवम भाव या द्वादश भाव में हो तो शरीर त्याग मोक्ष की प्राप्ति के लिए करता है Iधार्मिक यात्राएं करता है Iशुक्र के साथ शारीरिक वासना की बहुत ज्यादा इच्छा प्रकट करता है Iमंगल के साथ बहुत बड़ा हठी मूर्ख बनाता है I अपराधी प्रवृत्ति का हो जाता है I पापी बनाता है Iसूर्य के साथ अपने चाल चलन के कारण अपना यश खो बैठता है I लेकिन शनि के साथ हठयोगी ज्ञानी बनाता है I
राहु हो या केतु हो दोनों विच्छेदनवादी ग्रह हैं I विच्छेद दोनों कराएंगे I किस दिशा से होकर कराएंगे यह कहना मुश्किल होता है I दिशा धर्म भी हो सकता है I अपराध भी हो सकता है I*
Related posts
5 Comments
Leave a Reply Cancel reply
Subscribe for newsletter
* You will receive the latest news and updates on your favorite celebrities!
सरकारी नौकरी का ग्रहों से संबंध तथा पाने का उपाय
सरकारी नौकरी पाने की कोशिश हर कोई करता है, हलांकि सरकारी नौकरी किसी किसी के नसीब में होती है। अगर…
जानिए कैसे ग्रह आपकी समस्याओं से जुड़े हैं
जीवन में छोटी-मोटी परेशानियां हों तो यह सामान्य बात है, लेकिन लगातार परेशानियां बनी रहें या छोटी-छोटी समस्याएं भी बड़ा…
Vish yog का जीवन पर प्रभावVish yog का जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में Vish yog और दोष व्यक्ति के जीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं, यदि किसी…
सातवें घर में बृहस्पति और मंगल प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सातवें घर से पति-पत्नी, सेक्स, पार्टनरशिप, लीगल कॉन्ट्रैक्ट आदि का विचार कर सकते हैं इस भाव…
Mokshada Ekadashi date and time 2024, subh muhurat, puja vidhi
मोक्षदा एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह पवित्र दिन…
Makar Sankranti date and time 2025: शुभ मुहूर्त,कहानी, महत्व
मकर संक्रांति 2025 (Makar Sankranti 2025 date and time) एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार (Hindu festival) है, जिसे हर साल जनवरी…
Kumbh Mela 2025 Prayagraj Date and Place: स्नान तिथि और पंजीकरण की जानकारी
भारत में कुंभ मेला धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का प्रतीक है। यह मेला हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा पर्व है।…
16 Somvar vrat : कथा, नियम और फायदे | शिव जी की कृपा पाने का सरल उपाय
हिंदू धर्म में सोमवार व्रत (16 Somvar vrat) का विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के…
[…] के किसी भी भाव में चंद्र के साथ राहु या केतु बैठे हों तो ग्रहण योग बनता है। यदि इन […]
[…] काल सर्प योग तभी बनता है जब सारे ग्रह राहु और केतु के एक ओर आ […]
[…] पहले भाव पर भी मंगल की आठवीं दृष्टि राहु के नक्षत्र पर […]
[…] ज्यादा नहीं मिल रहा था, क्योंकि शनि राहु के नक्षत्र शतभिषा नक्षत्र में विराजमान थे। […]
[…] राहु में शुक्र की अंतर्दशा 3 वर्ष की होती है […]