रिश्तों की डोर बहुत नाजुक होती है, फिर चाहे वह पति-पत्नी हों, सास-बहू हों, पिता पुत्र हों या फिर भाई-भाई, इनके बीच कभी न कभी आपस में टकराव हो ही जाता है। यदि बात नोकझोंक तक सीमित रहे तो ठीक लेकिन यदि कलह का रूप लेने लगे तो पारिवारिक वातावरण तनावपूर्ण हो जाता है। इस आलेख में अनेक प्रकार की समस्याओं के निदान एवं गृह कलह निवारण के अनुभूत उपाय दिए जा रहे हैं…
गृह कलह की कोई न को¬ई वजह जरूर होती है जैसे पति-पत्नी के तनाव का मुख्य कारण उनके घरवालों को लेकर उत्पन्न कलह होती है। कलह के कारण कई बार तो दाम्पत्य जीवन में तनाव इतना बढ़ जाता है कि तलाक तक की नौबत आ जाती है। इससे बचाव का एक सरल सा रास्ता यह है कि जब भी आप अपने लड़के या लड़की के गुणों का मिलानकराएं तो गुणों के साथ-साथ पत्री पर भी ध्यान दें। कई बार कलह बच्चों के जन्म को लेकर भी होता है जिसकी वजह से गृह क्लेश काफी बढ़ जाता है।
दाम्पत्य जीवन में कलह के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं।
1- लड़के या लड़की की पत्री में सप्तम भाव में शनि का होना या गोचर करना।
2- किसी पाप ग्रह की सप्तम या अष्टम भाव पर दृष्टि होना या राहु, केतु अथवा सूर्य का वहां बैठना
3- पति-पत्नी की एक सी दशा या शनि की साढ़े साती का चलना भी कलह एवं तलाक का एक कारण होता है।
4- शुक्र की गुरु में दशा का चलना या गुरु में शुक्र की दशा का चलना भी एक कारण है। कलह को दूर करने के कुछ उपायों का वर्णन यहां किया जा रहा है।
5- अगर कलह का कारण शनि ग्रह से संबंधित है तो शनि ग्रह की शांति कर सकते हैं, शनि यंत्र पर जप कर सकते हैं और शनि की वस्तुओं का दान भी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सात मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं। यह उपाय शनिवार को सायंकाल के समय करना ठीक होता है ।
6- अगर गृह कलह राहु से संबंधित हो तो राहु यंत्र पर राहु के मंत्र का जप करें एवं 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। यह सभी प्रकार के कलहों व बाधाओं से मुक्त करता है और राहु के दुष्प्रभाव का निवारण करता है। इसके लिए राहु का दान भी कर सकते हैं।
7- अगर गृह क्लेश का कारण केतु ग्रह हो तो उसकी वस्तुओं का दान एवं उसके मंत्र का जप करें। केतु यंत्र पर पूजा करें। गणेश मंत्र का जप करें। 9 मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।
अगर गृहस्थ जीवन में कलह किसी पराई स्त्री की वजह से हो तो ये उपाय करें।
वशीकरण यंत्र पर जप करके भी कलह को समाप्त कर सकते हैं। गौरी शंकर रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं और शीघ्र प्रभाव के लिए मातंगी यंत्र भी अपने घर में पूजा के स्थान पर स्थापित कर सकते हैं।
– कई बार देखने में आता है कि न तो ग्रहों की परेशानी है, न ही पत्री में दशा एवं गोचर की स्थिति खराब है। फिर भी गृह कलह है जिसके कारण बात तलाक तक पहुंच जाती है। ऐसे में यह धारणा होती है कि किसी ने कुछ जादू टोना अर्थात तांत्रिक प्रयोग तो नहीं किया। अगर ऐसा लगे तो ये उपाय करें:
– घर में पूजा स्थान में बाधामुक्ति यंत्र स्थापित करें।
– शुक्ल पक्ष में सोमवार को उत्तर दिशा में मुख करके पति और पत्नी गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करें।
– शयन कक्ष में शुक्र यंत्र की स्थापना करें।
ससुराल में सुखी रहने के लिएः
साबुत हल्दी की 7 गांठें, पीतल । का एक टुकड़ा, थोड़ा सा गुड़ अगर कन्या अपने हाथ से विदाई के समय ससुराल की तरफ फेंक दे, तो वह ससुराल में सुरक्षित और सुखी रहेगी।
सास-बहू के बीच क्लेश दूर करने का सरल उपाय:
यदि परिवार में सास-बहू के मध्य हमेशा झगड़ा होता रहता हो जिसके कारण परिवार में कलह की स्थिति बनी रहती हो तो निम्न मंत्र का 21 दिनों तक प्रति दिन 11 माला जप करने से कलह से मुक्ति मिलती है।
मंत्र: ऊँ शांति
वैवाहिक सुख के लिए: कन्या का जब विवाह हो चुका हो और वह विदा हो रही हो, तो एक लोटे में हल्दी और एक पीला सिक्का डाल कर, लड़की के सिर के ऊपर से 7 बार घुमा कर, उसके आगे फेंक दें। वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
वर-वधू में प्यार के लिए:
साबुत काले चने में हरी मेहंदी मिला कर, जिस दिशा में वर-वधू का घर हो, उस तरफ फेंकें, तो वर-वधू में प्यार बढ़ेगा और क्लेश समाप्त होगा। यह क्रिया शादी के समय भी कर सकते हैं।
पति की अप्रसन्नता को दूर करने का उपाय:
यदि पति हमेशा अप्रसन्न रहता हो, पत्नी की बातों पर ध्यान न देता हो, हमेशा खोया-खोया सा रहता हो जिसके कारण वैवाहिक जीवन में कलह उत्पन्न हो रही हो तथा सारे प्रयत्न निष्फल हो रहे हो तो पत्नी पति की अनुकूलता के लिए श्रद्धा विश्वास पूर्वक भगवान शंकर एवं माता पार्वती का ध्यान करके सोमवार से निम्न मंत्र का एक माला जप करे।
मंत्र: ऊँ क्लीं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पतिवेदनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनादितो मुक्षीय मामृतात् क्ली ऊँ
यदि पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर हमेशा झगड़ा होता रहता हो तथा इस कारण से पारिवारिक कलह बनी रहती हो तो निम्न उपाय करने से लाभ होगा।
शुद्ध स्फटिक से बने शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा करवाकर अपने घर में स्थापित करें। 41 दिन तक नित्य शिवलिंग पर गंगा जल एवं बेल पत्र चढ़ाएं। उसके पश्चात् निम्न मंत्र का नित्य 5 माला जप करें।
ऊँ नमः शिवशक्तिस्वरूपाय मम गृहे शांति कुरु कुरु स्वाहा।
पति-पत्नी के बीच लड़ाई- झगड़ा हो तो रात को सोते समय पति अपने सिरहाने सिंदूर तथा पत्नी कपूर रखे। सुबह उठ कर पत्नी कपूर को जला दे तथा पति सिंदूर को घर में कहीं भी गिरा दे, तो घर में लड़ाई-झगड़े खत्म हो जाएंगे तथा सुख-शांति बनी रहेगी।
परिवार में सुख के लिए:
परिवार में सुख-शांति तथा समृद्धि के लिए प्रति दिन प्रथम रोटी के चार बराबर भाग करें। एक गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौए को दें तथा चैथा भाग चैराहे पर रखें।
हर प्रकार की सुख-शांति के लिए:
अशोक वृक्ष के सात पत्ते मंदिर में रख कर पूजा करें। जब वे मुरझाने लगें, तो नए पत्ते रख दें और पुराने को पीपल के नीचे रख आएं। इससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
गृह शांति के लिए:
एक पतंग पर अपने कष्ट तथा परेशानियां लिखें। उसे हवा में उड़ा कर छोड़ दें। ऐसा 7 दिन लगातार करें। सभी कष्ट तथा परेशानियां दूर हो जाएंगी तथा घर में सुख-शांति आएगी।
घर में अशांति रहने पर:
यदि आपके लाख उपाय करने पर भी अकारण ही अशांति बनी रहती हो, तो गाय के गोबर का एक छोटा दीपक बनाएं। उसमें तेल और रूई की बत्ती डाल कर थोड़ा गुड़ डाल दें तथा उस दीपक को जला कर दरवाजे के बीच रख दें। परेशानियां कम होने लगेंगी। इसे आवश्यकतानुसार 2-3 बार, थोड़े समय के अंतराल से, कर लेना चाहिए। इसके लिए शनिवार विशेष उपयुक्त दिन है तथा तिल का तेल श्रेष्ठ है।
घरेलू झगड़ा होने पर:
घर में प्रायः क्लेश रहता हो, या छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होना हो तो घर में गेहूं केवल सोमवार या शनिवार को ही पिसवाएं। पिसवाने से पहले उसमें 100 ग्राम काले चने डाल दें। इस प्रकार का आटा खाने से धीरे-धीरे लड़ाई-झगड़े तथा घर में क्लेश खत्म हो जाएंगे।
मानसिक शांति एवं कार्य की सफलता हेतु:
कुंडली में चंद्रमा पाप पीड़ित या अशुभ होने पर पारिवा¬रिक अशांति, धन की कमी तथा कार्य संचालन में परेशानी देता है। इससे बचाव के लिए रविवार की रात को सोते समय, चांदी या स्टील के गिलास में थोड़ा कच्चा दूध डाल कर उसे सिरहाने रख कर सो जाएं। सोमवार की सुबह इस दूध को कीकर (बबूल) के पेड़ पर चढ़ा आएं।
सावधानी: गिलास को किसी बर्तन से न ढकें।
बाहरी बाधा के कारण परेशानी रहने पर: यदि बाहरी बाधा के कारण घर अथवा व्यवसाय में परेशानी महसूस होती हो, तो अपने निवास/व्यवसाय स्थान के पास जो भी वृक्ष हो, उसकी जड़ में शाम को दूध डालकर वहां अगरबत्ती जलाने से लाभ होता है। इसके लिए सामवार उपयुक्त दिन है।
सर्व आपदा दुख निवारण हेतु:
किसी प्रकार की विपत्ति आने का भय हो अथवा आपदाग्रस्त हो, मनोबल कमजोर हो गया हो, जीवन में बार-बार अशुभ घटनाओं के कारण मन दुखी रहता हो तो श्रद्धा विश्वासपूर्वक निम्न मंत्र का मानसिक जप अथवा लाल चंदन की माला से पांच माला नित्य जप करने से शीघ्र लाभ होता है।
करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राणिभिहन्तु चापदः।
आर्थिक परेशानी निवारण का अचूक उपाय:
यदि आर्थिक समस्या के कारण परिवार में कलह रहती हो, आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई हो कि कुछ भी उपाय न सूझ रहा हो तो कनकधारा यंत्र को अपने घर में अथवा व्यवसाय स्थल पर षोड्शोपचार विधि से पूजन एवं प्राण प्रतिष्ठत करके स्थापित करें। 21 दिन तक नित्य यंत्र के सम्मुख बैठकर श्रद्धा विश्वासपूर्वक कनकधारा स्तोत्र के 11 पाठ करें।
मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक परेशानी से छुटकारा अवश्य मिलेगा।
मुकदमा, कोर्ट-कचहरी के मामलों के निवारण हेतु उपाय:
यदि कोर्ट-कचहरी संबंधी मामलों के कारण जीवन में संघर्ष तथा तनाव बना रहता हो, कार्य में मन न लगता हो, शत्रुओं के झूठे षड्यंत्र के कारण विपत्ति में फंसे हांे तो भौतिक प्रयासों के साथ-साथ आध्यात्मिक उपाय करने से आई हुई विपत्ति टल जाती है जिससे जीवन में पुनः सुख शांति लौटती है।
शुक्ल पक्ष में किसी शुभ मुहूर्त या मंगलवार को तांबे या सोने से बने बगलामुखी यंत्र को पूर्ण विधि विधान के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा करके घर में स्थापित करें। उसके बाद बगलामुखी मंत्र का 36 हजार की संख्या में जप और उसका दशांश हवन करें। साधना काल में पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें। जप के लिए हल्दी की माला, पीले वस्त्र, पीला आसन तथा एक समय का भोजन भी पीले रंग का होना चाहिए। इस प्रकार की विधि से पवित्र अवस्था में जप करने से मां बगलामुखी की कृपादृष्टि शीघ्र प्राप्त होती है। साधना काल में त्रुटि होने पर इसका उलटा प्रभाव भी हो सकता है। इसलिए इस साधना को किसी अनुभवी, सिद्ध गुरु के सान्निध्य में संपन्न करें या किसी सुयोग्य कर्मकांडी ब्राह्मण से अनुष्ठान करा सकते हैं।
ऊँ जीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां मुंखं पदं स्तम्भय जिनां कीलय बुद्धिं नाशय जीं ऊँ स्वाहा।
भय नाश के लिए:मन में हमेशा भय बना रहता हो, हर समय अनिष्ट की आशंका रहती हो, दब्बूपन की आदत बन गई हो, धैर्य एवं साहस में कमी हो जिसके कारण मनोबल कमजोर पड़ गया हो, हमेशा मानसिक परेशानी रहती हो तो भगवती दुर्गा का यंत्र पूजा व प्राण प्रतिष्ठा करके अपने घर में स्थापित कर और यंत्र के सम्मुख बैठ कर नित्य निम्न मंत्र का जप करें।
सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति-समन्विते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते।।
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