आज हम आपको करो प्राण के सबसे महत्वपूर्ण संदेश के बारे में बताने जा रहे हैं
- 1.आप जैसा कर्म करते हैं उसका फल आपको स्वयं भोगना पड़ता है कोई भी किसी का नहीं होता है
- मरने के बाद यमलोक में सिर्फ आत्मा और कर्म ही साथ जाते हैं सारी संपत्ति और धन यही पड़ा रह जाता है
- जिन लोगों का सारा जीवन पाप करते हुए गुजरता है उन साथियों की मरने के बाद बहुत ही दुर्दशा होती है और यमदूत उन पर किसी भी तरह का रहम नहीं करते हैं
- मरने के बाद जीवात्मा अपने प्रिय जनों को याद करके बहुत विलाप करता है परंतु उसके सभी प्रिय जनों की रुचि केवल उसकी संपत्ति में होती है
- मरते समय जीव आत्मा को अपने जीवन में किए गए सभी अच्छे और बुरे कर्म याद आते हैं और वह उनका अवलोकन करता है
- यमराज के सामने हमारी गवाही देने के लिए दो देव उपस्थित होते हैं जिनके नाम श्रवण और श्रवण होते हैं
- गाय दान करने का महत्व बैतरणी नदी के तट पर पहुंचने के बाद ही पता चलता है
अभी भी समय है हमको अपना समय बुरे कर्मों में व्यतीत ना कर के अच्छे कर्म करने चाहिए नहीं तो भयंकर नर्क भोगने के लिए तैयार रहना चाहिए
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