कालसर्प दोष का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है, क्योंकि जिन लोगों की कुंडली में यह दोष होता है, उन्हें अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय करने के लिए कुछ विशेष दिन होते हैं। इनमें से नागपंचमी भी एक हैं। इस दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय करने से विशेष फल मिलता है।
कालसर्प दोष पूजा में गलती ना हो और निवारण के उपाय
अनन्त कालसर्प दोष की विधि – अनन्त कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी के दिन एकमुखी, आठमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
– यदि इस दोष के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है तो नागपंचमी के दिन रांगे (एक धातु) से बना सिक्का पानी में प्रवाहित करें।
कुलिक कालसर्प दोष – कुलिक नामक कालसर्प दोष होने पर दो रंग वाला कंबल अथवा गर्म वस्त्र दान करें।
– चांदी की ठोस गोली बनवाकर उसकी पूजा करें और उसे अपने पास रखें।
वासुकि कालसर्प दोष – वासुकि कालसर्प दोष होने पर रात्रि को सोते समय सिरहाने पर थोड़ा बाजरा रखें और सुबह उठकर उसे पक्षियों को खिला दें।
– नागपंचमी के दिन लाल धागे में तीन, आठ या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
शंखपाल कालसर्प दोष – शंखपाल कालसर्प दोष के निवारण के लिए 400 ग्राम साबूत बादाम बहते पानी में प्रवाहित करें।
– शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें।
पद्म कालसर्प दोष – पद्म कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी के दिन से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक रोज सरस्वती चालीसा का पाठ करें।
– जरुरतमंदों को पीले वस्त्र का दान करें और तुलसी का पौधा लगाएं।
महापद्म कालसर्प दोष – महापद्म कालसर्प दोष के निदान के लिए हनुमान मंदिर में जाकर सुंदरकांड का पाठ करें।
– नागपंचमी के दिन गरीब, असहायों को भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें।
तक्षक कालसर्प दोष – तक्षक कालसर्प योग के निवारण के लिए 11 नारियल बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
– सफेद वस्त्र और चावल का दान करें।
कर्कोटक कालसर्प दोष – कर्कोटक कालसर्प योग होने पर बटुकभैरव के मंदिर में जाकर उन्हें दही-गुड़ का भोग लगाएं और पूजा करें।
– शीशे के आठ टुकड़े पानी में प्रवाहित करें।
शंखचूड़ कालसर्प दोष – शंखचूड़ नामक कालसर्प दोष की शांति के लिए नागपंचमी के दिन रात को सोने से पहलेसिरहाने के पास जौ रखें और उसे अगले दिन पक्षियों को खिला दें।
– पांचमुखी, आठमुखी या नौमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
विषधर कालसर्प दोष – विषधर कालसर्प के निदान के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर नारियल लेकर एक-एक नारियल पर उनका हाथ लगवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
– भगवान शिव के मंदिर में जाकर यथाशक्ति दान-दक्षिणा दें।
घातक कालसर्प दोष – घातक कालसर्प के निवारण के लिए पीतल के बर्तन में गंगाजल भरकर अपने पूजा स्थल पर रखें। – चारमुखी, आठमुखी और नौमुखी रुद्राक्ष हरे रंग के धागे में धारण करें।
शेषनाग कालसर्प दोष – शेषनाग कालसर्प दोष होने पर नागपंचमी के एक दिन पूर्व रात्रि को लाल कपड़े में सौंफ बांधकर सिरहाने रखें और उसे अगले दिन सुबह खा लें।
– दूध-जलेबी का दान करें।
Related posts
Subscribe for newsletter
* You will receive the latest news and updates on your favorite celebrities!
सरकारी नौकरी का ग्रहों से संबंध तथा पाने का उपाय
सरकारी नौकरी पाने की कोशिश हर कोई करता है, हलांकि सरकारी नौकरी किसी किसी के नसीब में होती है। अगर…
जानिए कैसे ग्रह आपकी समस्याओं से जुड़े हैं
जीवन में छोटी-मोटी परेशानियां हों तो यह सामान्य बात है, लेकिन लगातार परेशानियां बनी रहें या छोटी-छोटी समस्याएं भी बड़ा…
Vish yog का जीवन पर प्रभावVish yog का जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में Vish yog और दोष व्यक्ति के जीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं, यदि किसी…
सातवें घर में बृहस्पति और मंगल प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सातवें घर से पति-पत्नी, सेक्स, पार्टनरशिप, लीगल कॉन्ट्रैक्ट आदि का विचार कर सकते हैं इस भाव…
16 Somvar vrat : कथा, नियम और फायदे | शिव जी की कृपा पाने का सरल उपाय
हिंदू धर्म में सोमवार व्रत (16 Somvar vrat) का विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के…
Kartik purnima date कब है? जानें पूजन का शुभ समयऔर विधि
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik purnima 2024) Kartik purnima, हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है। इसे विशेष रूप से…
chhath puja date 2024: , शुभ मुहूर्त, व्रत नियम, पूजा विधिऔर कथा
chhath puja, जिसे ‘सूर्य षष्ठी व्रत’ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह मुख्य…
Govardhan Puja 2024 Date: समय, शुभ मुहूर्त, महत्त्व, कथा और पूजा विधि
Govardhan Puja 2024, जिसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्योहार दिवाली…