Kartik purnima date कब है? जानें पूजन का शुभ समयऔर विधि

Arti

Kartik purnima date कब है? जानें पूजन का शुभ समयऔर विधि

By admin

October 26, 2024

कार्तिक पूर्णिमा (Kartik purnima 2024)

Kartik purnima, हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है। इसे विशेष रूप से भगवान विष्णु, शिव और तुलसी के पूजा-अर्चना के लिए मनाया जाता है। इस दिन को देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, जो काशी (वाराणसी) में गंगा तट पर दीपदान के भव्य उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा कब है? (Kartik Purnima Kab Hai)

2024 में कार्तिक पूर्णिमा(Kartik Purnima) 15 नवंबर को मनाई जाएगी। यह पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को आता है,

और इस दिन विशेष रूप से गंगा स्नान, दीपदान और भगवान विष्णु की पूजा का महत्व होता है।

कार्तिक पूर्णिमा तिथि 2024 और समय (Kartik Purnima 2024 Date and Time)

2024 में कार्तिक पूर्णिमा(Kartik Purnima) का पर्व 15 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रमा पूर्ण अवस्था में होता है,

और इसे पूर्णिमा तिथि कहते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ और समाप्ति समय इस प्रकार है:

कार्तिक पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima 2024 muhurat)

Also read – chhath puja date 2024: , शुभ मुहूर्त, व्रत नियम, पूजा विधिऔर कथा

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि (Kartik Purnima Puja Vidhi)

इस दिन विशेष पूजा विधि अपनाई जाती है। इस दिन की जाने वाली पूजा विधि इस प्रकार है:

प्रातः काल स्नान:

भगवान विष्णु की पूजा:

दीपदान:

दान:

Also read – Shani gochar 2024 तिथि,राशियों पर प्रभाव और शनि के उपाय

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व(Kartik Purnima Importance)

Kartik Purnima का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था और देवताओं के साथ असुरों पर विजय प्राप्त की थी। इस दिन गंगा स्नान और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन किए गए पुण्य कर्मों का फल अनंत गुणा बढ़ जाता है, इसलिए श्रद्धालु गंगा स्नान, दीपदान और दान करते हैं।

काशी में इसे देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है, जहां गंगा किनारे हजारों दीप जलाए जाते हैं। यह उत्सव अयोध्या और मथुरा में भी विशेष धूमधाम से मनाया जाता है।

निष्कर्ष (conclusion)

Kartik Purnima का पर्व भारतीय संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं में विशेष स्थान रखता है। इस दिन भगवान विष्णु और शिव की आराधना से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। गंगा स्नान, दीपदान और दान के माध्यम से व्यक्ति अपने पापों से मुक्ति पा सकता है और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।