नवग्रह व्यक्ति के जीवन पर शुभ-अशुभ प्रभाव रखते हैं। जब कुंडली में ग्रहों की दशा बेहतर होती है तो लाइफ पॉजिटिव रहती है। यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह नीच है या वह ग्रह खराब असर दे रहा है तो ये उपाय किए जा सकते हैं-
1. सूर्य के अशुभ होने पर शरीर में अकडऩ आ जाती है। मुंह में थूक बना रहता है। इसके लिए हर रोज़ मुंह में मीठा या गुड़ डालकर ऊपर से पानी पीकर ही घर से बाहर निकलें। पिता का सम्मान करें।
2. चन्द्रमा को शुभ बनाने के लिए निम्न उपाय कर सकते हैं।
* शिव की भक्ति।
* सोमवार का व्रत।
* मोती धारण करना।
* प्रतिदिन माता के पैर छूना।
* पानी या दूध को साफ पात्र में सिरहाने रखकर सोएं और सुबह कीकर के वृक्ष की जड़ में डाल दें।
* चावल, सफेद वस्त्र, शंख, वंशपात्र, सफेद चंदन, श्वेत पुष्प, चीनी, बैल, दही और मोती दान करना चाहिए।
* दो मोती या दो चांदी के टुकड़े लेकर एक टुकड़ा पानी में बहा दें तथा दूसरे को अपने पास रखें।
* कुंडली के छठे भाव में चन्द्र हो तो दूध या पानी का दान करना मना है।
* यदि चन्द्र 12वां हो तो धर्मात्मा या साधु को भोजन न कराएं और न ही दूध पिलाएं।
* सोमवार को सफेद वस्तु जैसे दही, चीनी, चावल, सफेद वस्त्र,1 जोड़ा जनेऊ, दक्षिणा के साथ दान करना।
* ‘ॐ सोम सोमाय नमः’ का 108 बार नित्य जाप करना श्रेयस्कर होता है।
* चंद्र अच्छा है तो उसकी वस्तुओं का दान न करें और बुरा है तो दान करें।
3. मंगल ठीक रखने के लिए प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा करें। सुंदरकांड का पाठ करें। चींटियों को मिठाई खिलाएं। चरित्रवान बनें। मांस न खाएं।
4.बुध ग्रह को शुभ करने के लिए दुर्गा माता की पूजा करें। नाक छिदवाएं। बेटी, बहन, बुआ और साली से अच्छे संबंध रखें। बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं। साबुत हरे मूंग का दान करें। कभी झूठ न बोलें।
5. गुरु की कृपा प्राप्त करने के लिए पीपल में जल चढ़ाएं। सदा सत्य बोलें और चाल-चलन को शुद्ध रखें। पिता, दादा और गुरु का आदर करें। घर में धूप-दीप दें। केसर या चंदन का तिलक लगाएं। पीले वस्त्र पहनें। घर के ईशान कोण को साफ और खाली रखें। वहां जल की स्थापना कर सकते हैं। हर रोज़ माता के पैर छुएं। एकादशी या प्रदोष का व्रत रखें। विशेष अवसरों पर ही शिव जी को जल चढ़ाएं। चंद्र अच्छा है तो उसकी वस्तुओं का दान न करें और बुरा है तो दान करें।
6. यदि शुक्र अशुभ हो तो स्त्री ऋण का उपाय करें। हर शुक्रवार को विष्णु-लक्ष्मी मंदिर में गुलाब के फूल चढ़ाएं। स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखें। हमेशा साफ कपड़े पहनें। शरीर को जरा भी गंदा न रखें। सुगंधित इत्र या परफ्यूम का उपयोग करें। पवित्र बने रहें।
7. शनि ग्रह की शांति के लिए भगवान भैरव की उपासना करें। हर शनिवार शाम को शनि मंदिर में एक कटोरी में रखे सरसों के तेल में अपनी छाया देखें और उसे वहीं मंदिर में रख कर आ जाएं। इसे छायादान करना कहते हैं। शराब का सेवन न करें। दांत, बाल और नाखून हमेशा साफ रखें। शनिवार सुबह नहाते समय जल में थोड़ा-सा चमेली का तेल डालकर नहाएं। नेत्रहीनों, अपंगों, सेवकों और सफाई कर्मियों से अच्छा व्यवहार करते हुए उनको दान दें।
8. राहू ग्रह के उपाय के लिए किचन में ही खाना खाएं। शौचालय में कपूर की एक डली रखें। चांदी का हाथी घर में रखें। ससुराल पक्ष से अच्छे संबंध रखें। स्नानघर में लकड़ी के पीढ़े पर बैठकर ही स्नान करें। काले, कत्थई, भूरे, मटमैले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
9. केतु को अपने पक्ष में करने के लिए कान छिदवाएं। संतान और अन्य बच्चों से भी मधुर संबंध रखें। दो रंग के कुत्ते को रोटी खिलाएं। दो रंगों का कंबल दान भी कर सकते हैं। बुरे व्यक्तियों की संगत से बचें
कौन से ग्रह खराब है जानने के लिए बर्थ डिटेल्स whatsapp पे भेजे +91 97112 77386
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