Astrology: जो व्यक्ति जितनी पूजा करता है वह उतना ही दुखी होता है। यह बात बिल्कुल सत्य है और शायद लोग इस बारे में जानते भी हैं। जितनी भी पूजा पाठ करेंगे उतना उन लोगों के जीवन में कष्ट आता है लेकिन क्या आपने कभी इस पर गौर किया क्यों ऐसा होता है । और जो लोग पूजा पाठ नहीं करते जो कभी-कभी भगवान का नाम नहीं लेते हैं उन लोगों को कोई भी कष्ट नहीं आते हैं ।
वह लोग स्वतंत्र हैं उनको कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन क्या आप जानते हैं क्या ऐसा क्यों होता है । पूजा करने वाला व्यक्ति सबसे ज्यादा परेशान क्यों होता है सबसे ज्यादा दिक्कत उनको क्यों आती है चाहे धन से हो चाहे शरीर से हो लेकिन हां इतना मैं जरूर कहूंगा पूजा करने वाला व्यक्ति कभी धन की हानि में नहीं रह सकता है ।
उसको धन हानि कभी नहीं होगी वह व्यक्ति कभी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाएगा वह सिर्फ देने वालों में से रहता है। लेने वालों में से नहीं रहता है और रही बात कष्ट भोगने की तो हां उसकी स्थिति ऐसी हो जाती है वह हमेशा बीमार रहेगा घर के अंदर कोई ना कोई स्थिति बनी हुई रहेगी ।
Astrology लेकिन यह अक्षर होता क्यों है ?
यह इसलिए होता है कि जब व्यक्ति भगवान के करीब जाता है और पूजा पाठ करने लग जाता है तो भगवान उसको जो थोड़े-थोड़े कष्ट देने होते हैं पूरे जीवन भर उन कष्टों को जल्दी-जल्दी दे देता है। और जल्दी-जल्दी उन कष्टों को देकर के फिर भगवान उसको जो है अच्छी चीज देता है। उसको अच्छी संतान मिलेगी गुणी संतान मिलेगी उसके कष्ट धीरे-धीरे करके भगवान कम करता है लेकिन जब पूजा पाठ आप करेंगे तो वह कष्ट आपके बढ़ेंगे लेकिन फिर धीरे-धीरे करके आपके कष्ट भी कम होने शुरू हो जाएंगे और आपको पता भी नहीं चलेगा कब आपके कष्ट खत्म हो गए हैं। मतलब आपको पता नहीं चलता है कि हां आपके जीवन कोई कष्ट वाला भी है ।
इसी तरह से जो लोग पूजा पाठ नहीं करते हैं उनको कष्ट आते हैं लेकिन वह व्यक्ति ध्यान नहीं देते हैं और उनको बुरी तरह से कष्ट आते हैं। और जब उनको कष्ट आते हैं तो उनको समय नहीं मिलता है संभालने का और जब समय संभालने का नहीं मिलता है तो सिर्फ बर्बादी ही होती है। इसीलिए कभी भी यह मत सोचिए कि हम बहुत पूजा पाठ कर रहे हैं लेकिन फिर भी हमारे भाग्य में कष्ट आ रहे हैं।
आपके भाग्य में कष्ट नहीं आते हैं आपके कष्ट कम हो रहे हैं आपको एक सुखद यात्रा मिल रही है । इस चीज को हमेशा सोचना चाहिए लेकिन अपने ग्रहों को हमें सही देखना चाहिए और ग्रहों के अनुसार पूजा पाठ अनुष्ठान जरूर करना चाहिए क्योंकि एक कुंडली ही हमें मार्गदर्शन देती है। जिस मार्गदर्शन पर चलकर के मनुष्य का जीवन बहुत आसान हो जाता है उसको फिर अपनी भविष्य की चिंता नहीं रहती है क्योंकि वह अपने भविष्य के बारे में खुद जानना शुरू कर देता है।
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