मनुष्य जीवन में धन के बिना जीवनयापन करना दूभर है। यदि आपकी कुंडली में धनकारक योग हैं तो योग कारक ग्रहों की दशान्तर्दशाओं में धन की प्राप्ति कराते हैं। आप अपनी कुंडली में धनकारक योगों को खोजिए, यदि ये हैं और योगकारक ग्रहों की दशा भी आ रही है तो आपको जीवन में धन लाभ होता है।
लक्ष्मी योग
लग्नेश बली हो और नवमेश उच्च या स्वराशि में होकर केन्द्र या त्रिकोण में स्थित हो तो यह योग होता है। अथवा लग्नेश एवं नवमेश की युति या परस्पर स्थान परिवर्तन हो तो भी यह योग होता है। अथवा नवमेश एवं शुक्र ग्रह उच्च या स्वराशि का होकर केन्द या त्रिकोण में स्थित हो तो यह योग होता है। यदि यह योग कुंडली में हो तो जातक योग कारक ग्रहों की दशान्तर्दशा में धन एवं सभी भौतिक सुख साधनों को पाता है।
महाधन योग
दशमेश एवं एकादशेश की युति दसवें भाव में हो तो यह योग होता है। यदि यह योग कुंडली में हो तो जातक योगकारक ग्रहों की दशान्तर्दशा में धन एवं सभी भौतिक सुख साधनों को पाता है।
धन मालिका योग
दूसरे भाव से लगातर सूर्यादि सातों ग्रह सातों राशि में स्थित हों तो यह योग होता है। यह योग जातक को धनी बनाता है।
अति धन लाभ योग
लग्नेश दूसरे स्थित हो, धनेश ग्याहरवें स्थित हो और एकादशेश लग्न में स्थित हो तो जातक कम प्रयासों में आसानी से बहुत धन अर्जित करता है।
बहु धन लाभ योग
लग्नेश दूसरे भाव में और द्वितीयेश लग्न में स्थित हो या ये दोनों ग्रह शुभ भाव में एक साथ बैठे हों तो जातक बहुत धन अर्जित करता है।
आजीवन धन लाभ योग
एक से अधिक ग्रह दूसरे भाव में स्थित हों और द्वितीयेश एवं गुरु बली हो या उच्च या स्वराशि में हो तो जातक जीवन पर्यन्त धन अर्जित करता रहता है।
धन प्राप्ति योग
द्वितीयेश एकादश भाव में और एकादशेश दूसरे भाव में स्थित हो तो जातक बहुत धन कमाता है।
विष्णु योग
नवमेश, दशमेश और नवांश कुण्डली का नवमेश दूसरे भाव में स्थित हो तो यह योग जातक को बहुत धन अर्जित कराता है।
वासुमति योग
गुरु, शुक्र, बुध व चन्द्र लग्न से तीसरे, छठे, दसवें एवं एकादश भाव में स्थित हों तो जातक अत्यधिक धनी होता है।
यदि चन्द्र व मंगल की युति शुभराशि में हो तो जातक बहुत धन कमाता है।
शुभकर्तरी योग
शुभ ग्रह दूसरे एवं बारहवें स्थित हों तो जातक बहुत धन पाकर प्रसन्नता सहित अनेक तरह के भोग भोगता है।
यदि आपकी कुंडली में एक या एक से अधिक योग स्थित हों तो ये योगकारक ग्रहों की दशा में धनी बनाते हैं और सभी भौतिक सुख-साधनों को उपलब्ध कराकर धनलाभ कराते हैं।
Credit – माँ ललिताम्बा ज्योतिष सेवा केंद्र
Related posts
Subscribe for newsletter
* You will receive the latest news and updates on your favorite celebrities!
सातवें घर में बृहस्पति और मंगल प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सातवें घर से पति-पत्नी, सेक्स, पार्टनरशिप, लीगल कॉन्ट्रैक्ट आदि का विचार कर सकते हैं इस भाव…
घर से नकारात्मक ऊर्जा हटाने के लिये उपाय
मित्रों जैसा की आप जानते है की हर घर में कोई न कोई वास्तु दोष अवश्य मिलता है ऐसे में…
रोजमर्रा की आदतों से सुधारें अपना घर
जब भी हमारे घर पर कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ…
27 नक्षत्र और उनसे सम्बंधित वनस्पती
मानसून के समय इन नक्षत्रों से सम्बंधित वनसपतियो को रोप कर और उनकी देखभाल करके जीवन मे आ रही समास्यो…
नवरात्र 2024 कैलेंडर, पूजा सामग्री व पूजन विधि
नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपो का पूजन किया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा को प्रसन्न करने के…
श्री गणेश चतुर्थी | दस दिनोन में गणेश जी के 11 उपाय
धर्म ग्रंथों के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्रीगणेश का प्राकट्य माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीगणेश को…
अक्षय तृतीया पर बना रहा है शुभ योग, धन- लाभ होने के संकेत: अक्षय तृतीया पर करें ये काम
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का पावन पर्व बडे़ धूम- धाम से मनाया जाता है। इस दिन का बहुत अधिक…
नवरात्रों में कन्या पूजन क्यों ?
माता की प्रसन्नता के लिए नवरात्रों में अष्टमी अथवा नवमी के दिन कन्या पूजन कर उन्हें खाना खिलाने का का…