हस्त रेखा ज्ञान से हम बहुत सी ऐसी चीज जान सकते हैं जो जातक के जीवन में घटित होती है। जैसे किसी भी जातक (व्यक्ति) का विवाह, क्योंकि हिन्दू समाज में स्त्री और पुरुष का संबंध विवाह के बिना मान्य नहीं होता। Hast Rekha के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि उनका आगे आने वाला समय किस प्रकार से रहेगा।
आज के समय में बिना विवाह के कोई भी व्यक्ति अकेला जीवन नहीं जीना चाहता है। हस्त रेखा के माध्यम से अपनी विवाह रेखा दिखाएं और जल्द से जल्द अपनी विवाह संबंधित जो भी उसे परेशानी आ रही है अथवा जो भी उससे संबंधित कोई भी अगर कार्य करना है तो वह जल्द से उपाय करें।
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि विवाह रेखा कौन से हाथ में देखी जाती है? विवाह रेखा कनिष्ठका यानि सबसे छोटी उंगली उसके ऊपर बुध पर्वत होता है और उसी के निचले हिस्से में थोड़ा सा टेडी स्थिति में अर्थात ऑडी स्थिति में यह रेखा पाई जाती है। इस रेखा से हम विवाह के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। इन रेखाओं में जो सबसे गहरी रेखा होगी वह स्पष्ट विभाग की रेखा होगी। अर्थात उतने उस व्यक्ति के संबंध बन चुके हैं, इसमें प्रेम संबंध भी आ जाता है इसीलिए कईयों के जीवन काल में यह समस्या रहती है कि प्रेम संबंध तो उनका हो गया लेकिन उनकी शादी नहीं हो पाई तो उसका कारण यह है कि उसकी विवाह रेखा उस समय स्पष्ट नहीं थी।