कुंडली में 6 भाव के स्वामी का ज्योतिषीय महत्व बहुत अधिक है। छठा भाव जीवन के संघर्ष, शत्रु, ऋण और रोग का प्रतिनिधित्व करता है। हर राशि के लिए छठे भाव का स्वामी अलग होता है। यह स्वामी ग्रह कुंडली में अपनी स्थिति के अनुसार शुभ या अशुभ फल देता है। इस लेख में हम समझेंगे कि कुंडली में 6 भाव के स्वामी कौन हैं और उनका राशियों पर क्या प्रभाव है।
कुंडली में 6 भाव का महत्व
छठा भाव व्यक्ति के जीवन में आने वाली चुनौतियों का प्रतीक है।
- यह भाव संघर्ष, मेहनत और स्वास्थ्य से जुड़ा है।
- कुंडली में 6 भाव के स्वामी की स्थिति इन क्षेत्रों में सफलता या असफलता का निर्धारण करती है।
- यह भाव ऋण और शत्रुता के समाधान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रत्येक राशि में 6 भाव के स्वामी ग्रह
- मेष राशि: छठे भाव का स्वामी बुध।
- वृषभ राशि: छठे भाव का स्वामी शुक्र।
- मिथुन राशि: छठे भाव का स्वामी मंगल।
- कर्क राशि: छठे भाव का स्वामी बृहस्पति।
- सिंह राशि: छठे भाव का स्वामी शनि।
- कन्या राशि: छठे भाव का स्वामी शनि।
- तुला राशि: छठे भाव का स्वामी बृहस्पति।
- वृश्चिक राशि: छठे भाव का स्वामी मंगल।
- धनु राशि: छठे भाव का स्वामी शुक्र।
- मकर राशि: छठे भाव का स्वामी बुध।
- कुंभ राशि: छठे भाव का स्वामी चंद्रमा।
- मीन राशि: छठे भाव का स्वामी सूर्य।
Also read – शनि के उपाय : शनि दोष के लक्षण, मंत्र और लाल किताब के विशेष उपाय
कुंडली में छठे भाव के ग्रहों का प्रभाव
- छठे भाव में गुरु का फल
- गुरु की शुभ स्थिति शिक्षा और न्याय में सफलता देती है।
- यह स्थिति शत्रुओं पर विजय और धन लाभ का संकेत देती है।
- अशुभ गुरु से स्वास्थ्य समस्याएं और वित्तीय चुनौतियां हो सकती हैं।
- छठे भाव में बुध का फल
- बुध की शुभ स्थिति तर्क शक्ति और व्यवसाय में उन्नति का संकेत देती है।
- यह स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
- अशुभ बुध से झगड़े, भ्रम और स्वास्थ्य बाधाएं हो सकती हैं।
- छठे भाव में मंगल का प्रभाव
- मंगल की शुभ स्थिति साहस और शत्रुओं पर विजय का कारण बनती है।
- अशुभ मंगल से विवाद और मानसिक तनाव हो सकता है।
- छठे भाव में शुक्र का प्रभाव
- शुक्र की शुभ स्थिति ऋण से मुक्ति और धन संपत्ति में वृद्धि लाती है।
- अशुभ शुक्र से आर्थिक नुकसान और पारिवारिक समस्याएं हो सकती हैं।
- छठे भाव में शनि का प्रभाव
- शुभ शनि जीवन में धैर्य और संघर्ष से सफलता दिलाता है।
- अशुभ शनि से स्वास्थ्य समस्याएं और कर्ज बढ़ने की संभावना होती है।
- छठे भाव में सूर्य का प्रभाव
- सूर्य की शुभ स्थिति आत्मविश्वास और प्रतिष्ठा में वृद्धि करती है।
- अशुभ सूर्य अहंकार और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
Also read – Malavya rajyog: कुंडली में इसके लाभ, महत्व और विवाह पर प्रभाव
6 भाव के स्वामी के शुभ परिणाम
कुंडली में 6 भाव के स्वामी की स्थिति शुभ होने पर यह जीवन को सरल और उन्नत बना सकता है।
- ऋण से मुक्ति और शत्रुओं पर विजय होती है।
- यह व्यक्ति को साहसिक और दृढ़ संकल्पित बनाता है।
- स्वास्थ्य में सुधार और वित्तीय स्थिरता का संकेत मिलता है।
निष्कर्ष
कुंडली में 6 भाव के स्वामी जीवन के संघर्ष और स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं को गहराई से प्रभावित करते हैं।
छठे भाव में गुरु और बुध जैसे ग्रह शुभ स्थिति में हों तो जीवन में उन्नति के रास्ते खुलते हैं।
कुंडली के छठे भाव में गुरु का फल और छठे भाव में बुध का फल जीवन के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।
इन ग्रहों की सही स्थिति का ज्ञान और उपाय जीवन को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं।
know more – 6 भाव के स्वामी
Related posts
Subscribe for newsletter
* You will receive the latest news and updates on your favorite celebrities!
सरकारी नौकरी का ग्रहों से संबंध तथा पाने का उपाय
सरकारी नौकरी पाने की कोशिश हर कोई करता है, हलांकि सरकारी नौकरी किसी किसी के नसीब में होती है। अगर…
जानिए कैसे ग्रह आपकी समस्याओं से जुड़े हैं
जीवन में छोटी-मोटी परेशानियां हों तो यह सामान्य बात है, लेकिन लगातार परेशानियां बनी रहें या छोटी-छोटी समस्याएं भी बड़ा…
Vish yog का जीवन पर प्रभावVish yog का जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में Vish yog और दोष व्यक्ति के जीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं, यदि किसी…
सातवें घर में बृहस्पति और मंगल प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सातवें घर से पति-पत्नी, सेक्स, पार्टनरशिप, लीगल कॉन्ट्रैक्ट आदि का विचार कर सकते हैं इस भाव…
Kumbh Mela 2025 Prayagraj Date and Place: स्नान तिथि और पंजीकरण की जानकारी
भारत में कुंभ मेला धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का प्रतीक है। यह मेला हिन्दू धर्म का सबसे बड़ा पर्व है।…
16 Somvar vrat : कथा, नियम और फायदे | शिव जी की कृपा पाने का सरल उपाय
हिंदू धर्म में सोमवार व्रत (16 Somvar vrat) का विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के…
Kartik purnima date कब है? जानें पूजन का शुभ समयऔर विधि
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik purnima 2024) Kartik purnima, हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है। इसे विशेष रूप से…
chhath puja date 2024: , शुभ मुहूर्त, व्रत नियम, पूजा विधिऔर कथा
chhath puja, जिसे ‘सूर्य षष्ठी व्रत’ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह मुख्य…