Rahu के अपने नक्षत्र आर्द्रा स्वाति और शतभिषा इन नक्षत्रों में रहने पर राहु शुभ फल देता है। अलग-अलग नक्षत्रों का फल अलग-अलग होता है। राहु पृथ्वी के निकट एक रहस्यमयी ग्रह है। तो यह जल्दी फल देता है। इसका जितना वर्णन करो उतना कम है।
Rahu का फल
- Rahu अश्विनी नक्षत्र में हो तो व्यक्ति को शक्ति और सम्मान की प्राप्ति होती है।
- यदि राहु नक्षत्र में हो तो व्यक्ति साहसी, लालची, बहुत मजबूत इरादों वाला होता है।
- यदि Rahu कृतिका नक्षत्र में स्थित हो तो व्यक्ति बहुत बुद्धिमान और ज्ञानी होता है, वह विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होता है।
- यदि रोहिणी चंद्रमा में राहु स्थित हो तो व्यक्ति मिलनसार एवं मधुर स्वभाव वाला होता है।
- मिरिगाशिरा नक्षत्र में राहु व्यक्ति को साहसी और चतुर बनाता है लेकिन अपनी बात कहने में असहजता महसूस करता है।
- यदि राहु आर्द्र नक्षत्र में हो तो जातक चतुर, बुद्धिमान, ज्ञानी तथा जातक को अंधेरे में रखने की क्षमता रखता है।
- पुनर्वास बृहस्पति का तारा है। इसमें राहु दो प्रकार से फल देता है। कुछ भी अच्छा या बुरा अचानक संभव है। यदि Rahuआठवें शनि के पुष्य नक्षत्र में हो तो व्यक्ति को वीरता, साहस और सम्मान मिलता है। लेकिन दो शादियां हैं ।
- आश्लेषा नक्षत्र बुध का नक्षत्र है। इसमें राहु हो तो जातक विचलित होता है, उसके कार्य एवं विचार आय में स्थिर नहीं रहते।
- केतु के मगा नक्षत्र में राहु को राजसी जीवन आनंद भोग-विलास राज प्राप्त होता है।
- राहु भ्रमणशील एवं अस्थिर होता है और शुक्र के पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र में भ्रमित हो जाता है।
विशेष फल
- अनुराधा नक्षत्र में रादु जातक की मित्रता अनेक मित्रों से होती है।
- ज्येष्ठा नक्षत्र में राहु व्यक्ति को कर्तव्यनिष्ठ बुद्धिमान एवं चतुर बनाता है।
- मूल तारा केतु तारा है। व्यक्ति विवादों में फंसकर दूसरों की संपत्ति और अन्य चीजें हासिल करना चाहता है।
- राहु बहुत अच्छा व्यापारी बनाता है तथा शुक्र की पूर्व संध्या में व्यक्ति खूब धन कमाता है।
- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में स्थित राहु अत्यंत मिलनसार, धनवान तथा विदेश यात्रा करने वाला होता है।
- श्रवण नक्षत्र में राहु का फल उत्तम नहीं होता है। जिंदगी अपने पार्टनर से झगड़ने पर मजबूर कर देती है।
- धनिष्ठा नक्षत्र में राहु अत्यंत प्रसिद्ध, प्रसिद्धि प्राप्त करने वाला और सम्माननीय बनाता है
- राहु 24 शताब्दी नक्षत्र में परम साहस बनाता है। व्यक्ति खतरों से खेलता है लेकिन उसका स्वास्थ्य कमजोर रहता है।
- पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र राहु रोगी अहंकारी क्रोधी परेशान करता है।
- उत्तराभाद्रपद में राहु रहने पर व्यक्ति जल से डरता है। नदी और समुद्र से दूर रहना चाहिए।
- रेवती नक्षत्र में राहु अत्यंत भाग्यशाली होता है, विदेश में भाग्योदय होता है।
इस प्रकार राहु के अलग-अलग फल होते हैं। इस महाद्वीप में भी छह वर्ष तक तीन प्रकार के फल प्राप्त होते हैं। पहला भाग संघर्ष का, दूसरा-तीसरा भाग उत्थान का, प्रगति का और अंतिम सीढ़ियाँ फल देने वाली होती हैं।
Related posts
Subscribe for newsletter
* You will receive the latest news and updates on your favorite celebrities!
सरकारी नौकरी का ग्रहों से संबंध तथा पाने का उपाय
सरकारी नौकरी पाने की कोशिश हर कोई करता है, हलांकि सरकारी नौकरी किसी किसी के नसीब में होती है। अगर…
जानिए कैसे ग्रह आपकी समस्याओं से जुड़े हैं
जीवन में छोटी-मोटी परेशानियां हों तो यह सामान्य बात है, लेकिन लगातार परेशानियां बनी रहें या छोटी-छोटी समस्याएं भी बड़ा…
Vish yog का जीवन पर प्रभावVish yog का जीवन पर प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में Vish yog और दोष व्यक्ति के जीवन पर सीधा प्रभाव डालते हैं, यदि किसी…
सातवें घर में बृहस्पति और मंगल प्रभाव
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सातवें घर से पति-पत्नी, सेक्स, पार्टनरशिप, लीगल कॉन्ट्रैक्ट आदि का विचार कर सकते हैं इस भाव…
16 Somvar vrat : कथा, नियम और फायदे | शिव जी की कृपा पाने का सरल उपाय
हिंदू धर्म में सोमवार व्रत (16 Somvar vrat) का विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के…
Kartik purnima date कब है? जानें पूजन का शुभ समयऔर विधि
कार्तिक पूर्णिमा (Kartik purnima 2024) Kartik purnima, हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है। इसे विशेष रूप से…
chhath puja date 2024: , शुभ मुहूर्त, व्रत नियम, पूजा विधिऔर कथा
chhath puja, जिसे ‘सूर्य षष्ठी व्रत’ भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। यह मुख्य…
Govardhan Puja 2024 Date: समय, शुभ मुहूर्त, महत्त्व, कथा और पूजा विधि
Govardhan Puja 2024, जिसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्योहार दिवाली…