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सावन के महीने में भूल कर भी न करें ये काम

By pavan

July 12, 2020

हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है. पंचांग के अनुसार इस बार सावन के महीने में चार नहीं पांच सोमवार पड़ रहे हैं. सावन के महीने अनुशासित जीवन शैली को अपनाने पर जोर दिया जाता है.

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है. सावन का पूरा महीना शिव की भक्ति में लीन रहने का है. श्रावण मास यानि सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है. इसलिए शिव भक्त सावन के महीने का पूरे साल इंतजार करते हैं. पूजा के साथ इस महीने जीवन शैली पर भी ध्यान देना चाहिए.

सावन मास की जीवन शैली सावन के महीने में वर्षा होने से सूरज और चंद्रमा की शक्ति कम हो जाती है. जिस कारण मौसम में उमस बनी रहती है. क्योंकि पृथ्वी की  उष्णता निकलती है. इस मौसम में संक्रमित बीमारियों के पनपने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए इस महीने विशेष सावधानी और सर्तकता बरतनी चाहिए.

भोजन ऐसा करें जो आसानी से पच जाए माना जाता है कि सावन के महीने में रात का रखा हुआ भोजन नहीं करना चाहिए. सावन के महीने में भोजन आसानी से नहीं पचता है. भोजन सही तरह से न पचने के कारण कई तरह की रोग होने की संभावना बनी रहती है. इसलिए सावन के महीने में सुपाच्य भोजन करना चाहिए. इस मौसम में मसालेदार और तैलीय युक्त भोजन नहीं करना चाहिए. इस महीने दूध और दही प्रयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए. सावन में दही न खाने की सलाह दी जाती है. इसे बातकारक माना गया है. हरी सब्जियों के सेवन से भी इस महीने बचना चाहिए.

स्वच्छ जल ग्रहण करें वर्षा ऋतु में बीमारी जल के रास्ते शरीर में प्रवेश करती है इसलिए इस मौसम में स्वच्छ जल ही ग्रहण करना चाहिए. इस मौसम में जल की शुद्धता पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

मांस मदिरा का सेवन करें सावन के महीने में मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इन चीजों का त्याग कर सात्विक भोजन करना चाहिए.

पूजा पाठ और अध्यात्म का महत्व सावन का महीना पूजा पाठ के लिए अति उत्तम माना गया है. इस महीने भगवान का स्मरण करना चाहिए. इससे मन और मस्तिष्क को शांत रखने में मदद मिलती और जीवन में श्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं.

बुराई और क्रोध से बचें सावन के महीने में किसी की बुराई न करें और न ही क्रोध करें. मान्यता है कि यह महीना मन को शुद्ध करने का महीना होता है इसलिए हर प्रकार की बुराई और गलत आदतों का त्याग करना चाहिए.