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राहु में शुक्र की अंतर्दशा
राहु में शुक्र की अंतर्दशा
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राहु में शुक्र की अंतर्दशा 

मित्रों राहु में शुक्र की अंतर्दशा 3 वर्ष की होती है इस अवधि में वैवाहिक जीवन सुखी रहता है, लेकिन सतर्क रहें यदि राहु और शुक्र आपस में षडाष्टक योग में हैं तब अफेयर टूट जाते हैं, तलाक हो जाता है विवाह में बहुत परेशानियां आती है, विवाह के कारण जेल यात्रा तक होती है, भूमि और बाहन का सुख तब मिलता है जब दोनों की स्थिति अच्छी हो, मतलब शुक्र को भी शुभ ग्रह देखता हो और राहु भी शुभ ग्रह के घर में हो तो भूमि और बहन का सुख भी मिलता है ।

लेकिन चाहे जितना बढ़िया सब कुछ हो पत्नी की सेहत ठीक नहीं होती है आप राजा बन सकते हो इस दशा में परंतु पत्नी की भी शेर ठीक रहे ऐसा नहीं हो सकता भूमि और वाहन का सुख मिलेगा लेकिन कुंडली में राहु और शुक्र ठीक नहीं होंगे तो सीत का रोग होगा, मानहानि होगी कई लोगों के विरोध का सामना करना होगा।

राहु में शुक्र की अंतर्दशा के प्रभाव

राहु में शुक्र की अंतर्दशा का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली और ग्रहों की स्थिति के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। लेकिन आमतौर पर राहु और शुक्र का यह संयोजन विभिन्न क्षेत्रों में कुछ सामान्य परिणाम ला सकता है। आइए जानें इसके संभावित प्रभावों के बारे में:

1.राहु में शुक्र की अंतर्दशा व्यवसाय और धन

  • राहु एक छाया ग्रह है, जो भौतिक इच्छाओं और अचानक परिवर्तन से संबंधित है। जब शुक्र राहु के अंतर्गत आता है, तो व्यक्ति को आर्थिक लाभ और भौतिक सुख मिलने की संभावनाएँ होती हैं।
  • व्यापार या नौकरी में अनपेक्षित लाभ या हानि हो सकती है।
  • विदेशों से लाभ के योग बन सकते हैं या विदेशी निवेश में रुचि बढ़ सकती है।

2. संबंध और प्रेम जीवन

  • शुक्र प्रेम और आकर्षण का प्रतीक है। राहु के साथ इसके आने से प्रेम जीवन में रोमांचक परिवर्तन हो सकते हैं, लेकिन यह संबंधों में भ्रम, धोखा, या गलतफहमियों को भी जन्म दे सकता है।
  • विवाहित जीवन में भी कुछ तनाव या अस्थिरता हो सकती है।
  • यदि व्यक्ति अविवाहित है, तो इस समय में किसी विदेशी व्यक्ति या अलग पृष्ठभूमि के व्यक्ति के प्रति आकर्षण बढ़ सकता है।

3.राहु में शुक्र की अंतर्दशा स्वास्थ्य

  • राहु और शुक्र का प्रभाव मानसिक तनाव को बढ़ा सकता है, खासकर यदि कुंडली में इनकी स्थिति कमजोर हो।
  • कुछ मौकों पर त्वचा, हार्मोनल असंतुलन, या शुगर संबंधी समस्याएँ सामने आ सकती हैं।
  • स्वास्थ्य में अचानक परिवर्तन भी देखने को मिल सकते हैं।

4. आध्यात्मिकता और मानसिक विकास

  • राहु का प्रभाव व्यक्ति को आध्यात्मिकता की ओर भी ले जा सकता है, लेकिन इसके साथ भ्रम या दिखावे का पहलू भी जुड़ा हो सकता है।
  • इस दौरान व्यक्ति को भ्रम से बचने और सचेत रहने की आवश्यकता होती है।
  • आध्यात्मिक दृष्टिकोण से व्यक्ति को अपने कार्यों और निर्णयों में स्पष्टता रखनी चाहिए।

5. अचानक लाभ या हानि के योग

  • राहु में शुक्र की अंतर्दशा में अचानक से धन लाभ या हानि होने के प्रबल योग बनते हैं।
  • शेयर बाजार, लॉटरी, या किसी भी प्रकार के सट्टा व्यवसाय में इस समय निवेश करने से बचना चाहिए।

राहु में शुक्र की अंतर्दशा के उपाय 

  • सांड को गुड़ खिलाना चाहिए।
  • शिव मंदिर में स्थित नंदी की पूजन करना चाहिए।
  • अपने घर में एकाक्षी श्रीफल की स्थापना करनी चाहिए।
  • “ॐ रां राहवे नमः” और “ॐ द्रां द्रां द्रां शुक्राय नमः” का नियमित जाप करें।
  • शुक्रवार के दिन सफेद चीजों जैसे दूध, चावल आदि का दान करें।
  • राहु के दोषों को कम करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभदायक हो सकता है।
  • अपने आचरण को पवित्र और विनम्र बनाए रखने की कोशिश करें।
  • स्फटिक की माला धारण करके दुर्गा सप्तशती में कवच का पाठ सुबह और शाम नित्य करना ही चाहिए। और कवच का पाठ करने के पहले कवच में जो सोलवा श्लोक है उसका 5 बार उच्चारण करना चाहिए तभी कवच का पाठ प्रारंभ करना चाहिए

Credit -ज्योतिषाचार्य पंडित हीरेश भार्गव नारायण कृपा कुंडली समाधान

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