Dosh Nivaran

भैरव बाबा को प्रसन्न करने के टोटके

By pavan

August 14, 2021

(1) बुधवार के दिन सवा किलो जलेबी भैरव नाथ को चढ़ाकर कुत्तों को खिलादें। इससे कुंडली के समस्त बुरे ग्रहों का असर टल जाता है और बड़ी से बड़ी विपदा भी हल्की होकर निकल जाती है।

(2) किसी नजदीकी रेल्वे स्टेशन पर जाकर कोढ़ी, भिखारी अथवा गरीब को शराब की बोतल दान करें। इस उपाय से आपका कितना ही कठिन काम हो, तुरंत पूरा होगा।

(3) पांच गुरुवार तक भैंरव जी को पांच नींबू चढ़ाएं। आपको रूका हुआ काम पूरा होगा।

(4) बुधवार के दिन सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा 11 रुपए, सवा मीटर काले कपड़े में पोटली बनाकर भैंरूजी के मंदिर में चढ़ा दें तथा अपनी मनोकामना कह दें। तुरंत ही आपकी कामना पूरी होगी।

(5) अपने शहर या गांव में ऐसा कोई भी भैंरू बाबा का मंदिर ढूंढे जहां उनकी नियमित पूजा न होती हो या लोगों ने उन्हें पूजना छोड़ दिया हो। उस मंदिर में रविवार की सुबह जल्दी ही सिंदूर, तेल, नारियल, पुए और जलेबी लेकर पहुंच जाएं। वहां उनका प्रसन्नचित हो सच्चे मन से पूजा करें तथा पूजा के बाद 5 लेकर 7 साल के बटुकों (लड़कों) को चने-चिरौंजी तथा साथ लाए जलेबी, नारियल, पुए का प्रसाद बांट दें। ज्योतिषियों की मान्यता है कि ऐसा करने से बड़े से बड़ा ग्रह भी अपना बुरा स्वभाव छोड़ सौभाग्य देने वाला बन जाता है।

(6) रविवार या शुक्रवार को अपने नजदीक के किसी भी भैरव मंदिर में जाएं और गुलाब, चंदन तथा गूगल की खुशबूदार 33 अगरबत्तियां जलाएं।

(7) शनिवार के दिन उड़द के पकौड़े सरसों के तेल में बना लें तथा पूरी रात उन्हें ढंककर रख दें। अगले दिन (रविवार को) सुबह जल्दी उठकर बिना किसी से कुछ बोले सूर्योदय के समय पकौड़े लेकर घर से निकल जाएं और रास्ते में जो भी कुत्ता सबसे पहले दिखाई दें, उसे खिला दें। ध्यान रखें कि पकौड़े कुत्ते को डालने के बाद वापस पलटकर न देखें और घर चले आएं। इस दौरान किसी से कोई बात न करें, न किसी बात का जवाब दें। आपका काम हर हाल में पूरा होगा।

(बुधवार, गुरुवार या रविवार के दिन एक रोटी लेकर उस पर अपनी तर्जनी (हाथ की पहली) और मध्यमा (दूसरी) अंगुली तेल में डुबोकर लाइन खींच लें। इस रोटी को किसी भी दोरंगे कुत्ते को खाने के लिए दे दीजिए। यदि कुत्ता इस रोटी को खा लेता है तो समझिए आपको साक्षात भैंरू बाबा का आशीर्वाद मिल गया। परन्तु कुत्ता रोटी खाने के बजाय सूंघ कर आगे बढ़ जाए तो इस उपाय को दो बार (कुल तीन बार से अधिक न करें) और करें। ध्यान रखें यह उपाय केवल बुधवार, गुरुवार या रविवार को ही करना है, अन्य दिन नहीं।