घर में नित्य झाडू लगाना चाहिये झाडू लगाने से घर से दुख दारिद्रता व रोग चले जाते है। घर मे लक्ष्मी का वास होता है। सायंकालिन सूर्य अस्त के पश्चात् झाडू नही लगाना चाहिये अपशकून होते है। रसोई घर में कभी भी झाडू को नही रखना चाहिये न ही अनाज के पास और ना ही सोने के कमरे मे। झाडू में ज्येष्ठा नाम कि लक्ष्मी का वास होता है। जो घर से रोग दुःख दारिद्रता को दूर करती है।
वास्तु के अनुसार घर में झाडू कभी भी पलंग के निचे या सोफे के निचे नही रखना चाहीये। क्योंकी अगर पलंग के निचे रखते है तो नकात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जिससे रात्रि में बुरे स्वप्न आतें है खडा झाडू कभी भी नही रखना चाहीये। जिस घर में खडा झाडू रखा जाता है उस घर से लक्ष्मी चली जाती है। कभी अतिथी के जाने के पश्चात झाडू नही निकालना चाहिये क्यों कि उस समय झाडू निकालने से घर में दूर्भाग्य का आगमन हो जाता है पितृ नाराज हो जाते है।
झाडू को ऐसी जगह पर नही रखना चाहीये जहा घर के सदस्यों की 24 घंटे नजर पडे। झाडू को सदैव दक्षिण पश्चिम दिशा में रखना चाहीये। झाडू को कभी भी लांगना नही चाहिये। झाडू लांगने से घर मंे लक्ष्मी कि हानि होती है व रोग का आगमन होता है। घर के निज मन्दिर में कभी भी झाडू से सफाई नही करनी चाहियें। कपडें से करे। घर में दो झाडू का प्रयोंग करना चाहीये एक घर के चैक तक व दूसरा जहा पर चप्पल आती है वहा से चबूतरी तक। झाडू को कडे व आकरे वार मे ही खरीदना चाहीये। कृष्ण पक्ष मे खरीदना चाहीये। ब्राह्मण को भूदेव कहा गया है ब्राह्मण आने व जाने के पश्चात झाडू नही लगाना चाहिये भले ही फर्श कितनी भी खराब क्यों न हो कपडे से साफ करना चाहिये। क्योंकि भगवान कि कृपा होने पर ही घर मे संत व ब्राह्मण का आगमन होता है।
घर में दिन में एक बार या दो बार झाडू लगाना चाहिये हर समय झाडू लगाने से घर से लक्ष्मी चली जाती है व रोग का आगमन होता है घर का कोई सदस्य बिमारी से पीडीत रहता है। झाडू को कभी भी जलाना नही चाहिये ऐसा करने से लक्ष्मी नाराज हो जाती है। झाडू से खेलना व बच्चो व जानवरों को पिटना नही चाहीये ऐसा करने से घर में कलह का वातावरण बन जाता है। नन्हे बालको के पास कभी भी झाडू नही रखना चाहीये। ऐसा करने से उनमे नकारात्मक ऊर्जा आ जाती है जिससे बडे होने पर विद्या प्राप्ति मे रूकावटे आती है। झाडू सदैव पुराना होने पर त्याग दे नये झाडू का प्रयोग करे।