Astrology

ग्रहों से संबंधित रोग एवं उन्हें अपने अनुकूल बनाने के उपाय

By pavan

March 21, 2021

सूर्य सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। कुंडली में इस ग्रह के कमजोर होने से व्यक्ति के मान-सम्मान की हानि होती है, साथ ही उसे ह्रदय रोग, और हड्डियों से संबंधित रोग हो जाते हैं। सूर्य को शांत करने के लिए इस मंत्र का प्रतिदिन प्रातः काल या दोपहर के समय एक माला जाप करने से लाभ मिलेगा। मंत्र का जाप रुद्राक्ष या लाल चन्दन की माला से कर सकते हैं। “ॐ आदित्याय नमः”

चंद्रमा चंद्रमा मन का कारक होता है। मन की चंचलता चंद्र की स्थिति पर निर्भर करती है। चंद्रमा की स्थिति मजबूत न होने पर मानसिक रोग होने की संभावना रहती है सांस से जुड़ी तकलीफ, और रक्त संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। चंद्रमा को मजबूत करने के लिए इस मंत्र का जाप मोती या शंख की माला से रात्रि के समय करें। “ॐ सों सोमाय नमः”

मंगल कहते हैं कि मंगल के मंगल होने से मंगल ही होता है, मंगल ग्रह को ग्रहों का सेनापति माना गया है। इसके कमजोर होने से जीवन में शांति और तरक्की में अड़चने आती हैं। सफलता पाने के लिए इसका मजबूत होना आवश्यक है। इसे मजबूत करने के लिए मूंगे या चंदन की माला से इस मंत्र का जाप सुबह या दोपहर के समय करें। “ॐ अं अंगारकाय नमः”

बुध बुध ग्रह दूसरे ग्रहों के योग के अनुसार फल प्रदान करता है। व्यक्ति में वाकपटुता की कला बुध ग्रह से आती है। इसके कमजोर होने से नाक, गले ऐर वाणी से जुड़ी समस्या हो सकती हैं। अगर आप बुध ग्रह की समस्या से पीड़ित हैं तो इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से सुबह के समय करें। “ॐ बुं बुधाय नमः”

गुरु बृहस्पति ग्रह को ग्रहों का गुरु और मंत्री माना जाता है इसके कमजोर होने से मोटापा, पेट से जुड़ी समस्या और व्यक्ति में अहंकार की भावना लाता है। इसके कमजोर होने से शादी में बाधा आती है। इस ग्रह के कमजोर होने से व्यक्ति के अधर्म के रास्ते पर जाने का डर रहता है। रुद्राक्ष या हल्दी की माला से सुबह के समय इस मंत्र का जाप करने से गुरु मजबूत होता है। “ॐ बृं बृहस्पतये नमः”

शुक्र शुक्र ग्रह को प्रेम,धन, ऐश्वर्य और भौतिक सुखों की प्रतीक माना गया है। अगर यह ग्रह कमजोर हो तो व्यक्ति को इन सभी सुखों का त्याग करना पड़ता है। शुक्र को मजबूत करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप सुबह या रात के समय स्फटिक या सफेद चंदन की माला से करना चाहिए। “ॐ शुं शुक्राय नमः”

शनि शनि न्याय का ग्रह है यह कर्मों के अनुसार फल प्रदान करता है लेकिन लोग इसे क्रूर ग्रह मानते हैं। शनि ग्रह के खराब होने से व्यक्ति को जीवन में बहुत ज्यादा कष्ट उठाने पड़ते हैं इसलिए लोग इस ग्रह से भयभीत हो जाते हैं। इसलिए शनि ग्रह का अनुकूल होना बहुत आवश्यक है। शनि की समस्या से बचने के लिए व्यक्ति को अच्छे कर्म करने चाहिए। लेकिन अगर आपका शनि ग्रह आपको पीड़ित कर रहा है तो आप इस मंत्र का जाप करके शनि को प्रसन्न कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप सांय काल में सूर्य डूबने के बाद करें। जाप रुद्राक्ष की माला से करें। “ॐ शं शनैश्चराय नमः”

राहु-केतु राहु-केतु को पापक ग्रह माना जाता हैं ज्योतिष में इन्हें छाया ग्रह माना गया है इनके खराब होने से मानसिक तनाव के साथ आपको आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। रिश्तों मे गलतफहमियां आ जाती हैं जिससे आपके संबंध खराब होते हैं। इनके खराब होने से आपको वाहन दुर्घटना, मान-सम्मान में हानि, शत्रु बाधा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इन ग्रहों के कुप्रभाव से बचने के लिए कुष्ठ रोगियों की मदद करनी चाहिए। रोज स्नान करने के साथ रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए। जूते-चप्पलों को हमेशा साफ रखना चाहिए और सही जगह पर ही रखें। सप्ताह में एक बार मंदिर जरुर जाएं। राहु को शांत करने के लिए इस मत्रं का जाप रुद्राक्ष की माला से रात के समय करें। “ॐ रां राहवे नमः”

केतु को शांत करने के लिए इस मंत्र का जाप भी रुद्राक्ष की माला से रात्रि में करें। “ॐ कें केतवे नमः”