यदि आपकी कुंडली में षड्यंत्र योग है तो आप अपने जीवन में षड्यंत्र का शिकार होते रहेंगे।
क्या होता है षड्यंत्र योग : यदि लग्नेश 8वें घर में बैठा हो और उसके साथ कोई शुभ ग्रह न हो तो षड्यंत्र योग का निर्माण होता है। अर्थात लग्नेश अष्टम भाव में विराजमान हो जाए और उस लग्नेश पर लगन पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि हो या किसी शुभ ग्रह ही दृष्टि नहीं हो। लग्नेश और अष्टमेश दोनों की पाप प्रभाव में आ जाए तो बहुत बड़े षड्यंत्र का शिकार होता है।
इस योग का प्रभाव : जिस भी जातक की कुंडली में यह योग होता है तो वह वह अपने किसी करीबी के षड्यंत्र का शिकार होता है। जैसे धोखे से धन या किसी भी प्रकार की संपत्ति का छीना जाना, विपरीत लिंगी द्वारा मुसीबत पैदा करना या किसी अन्य तरह के षड्यंत्र का शिकार हो जाना। व्यक्ति को साझेदारी के व्यापार में धोखा, जीवसाथी से धोखा, मित्र से धोखा या अपने किसी करीबी से धोखा मिल सकता है। इसके चलते मान-सम्मान को नुकसान पहुंचता है, आर्थिक और सेहत का भी नुकसान उठाना पड़ता है।
भाव नाश योग
जन्मकुंडली जब किसी भाव का स्वामी त्रिक स्थान यानी छठे, आठवें और 12वें भाव में बैठा हो तो उस भाव के सारे प्रभाव नष्ट हो जाते हैं। उदाहरण के लिए यदि धन स्थान की राशि मेष है और इसका स्वामी मंगल छठे, आठवें या 12वें भाव में हो तो धन स्थान के प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।